शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना, कहा- ढाई साल तक हम सहते रहे सावरकर का अपमान, एक बार फिर खुद को बताया असली शिवसैनिक
महाराष्ट्र सियासत शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना, कहा- ढाई साल तक हम सहते रहे सावरकर का अपमान, एक बार फिर खुद को बताया असली शिवसैनिक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी जंग तो खत्म हो चुका है लेकिन जुबाई जंग अभी भी जारी है। सूबे के मुख्यमंत्री एननाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग सोचते हैं कि वे शासन के लिए पैदा हुए हैं लेकिन उन्हें गर्व होना चाहिए कि एक आम आदमी मुख्यमंत्री बना है। एकनाथ शिंदे एक बार फिर दोहराया कि शिवसेना के खिलाफ उनका बगावत सही निर्णय था और उनका हिंदुत्व समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा।
चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ
सीएम शिंदे ने पंढरपुर के एक रैली में कहा कि वह चांदी का चिम्मच लेकर पैदा नहीं हुए हैं। आगे कहा कि मैं भी आप में से ही हूं। उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि वे शासन करने के लिए ही पैदा हुए हैं लेकिन उन्हें गर्व हो चाहिए कि एक आम आदमी ने कुर्सी संभाली है। हमारे पास शासन करने के लिए बहुमत है, हमने कुछ भी अवैध नहीं किया है।
इनके आशीर्वाद से बना सीएम
शिंदे ने कहा कि पार्टी में शाखा प्रमुख से राज्य के शीर्ष पर उनका पहुंचना ठाणे के शिवसेना नेता आनंद दिघे और शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के आशीर्वाद के कारण संभव हुआ है। शिंदे ने कहा बाला साहब ने कभी नफरत नहीं सिखाई। उन्होंने आगे कहा कि मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता और सबकुछ सार्वजनिक नहीं करना चाहता. बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा अन्य धर्मों से नफरत करने के बारे में नहीं थी।
सावरकर का अपमान सहते रहे
वैसे शिवसेना के एजेंडा में हमेशा रहा कि सावरकर को भारत रत्न दिया जाए। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि सावरकर को भारतरत्न दिलाने का प्रयास करेंगे। ढाई साल में उद्धव सरकार की तरफ से सावरकर को लेकर खामोशी थी। लेकिन अब देखना है कि शिंदे इसे कहां तक ले जाते हैं।
हालांकि शिंदे ने भी इशारों में उद्धव सरकार को घेरा है और कहा कि ढाई साल से सावरकर का अपमान सहते रहे। जिन्होंने वीर सावरकर का अपमान किया। उन मंत्रियों के खिलाफ भी नहीं बोल सके जिनके संबंध दाऊद इब्राहिम से थे। शिंदे के बयान से जाहिर है कि वो बालासाहेब के हिंदुत्व वाले एजेंडा पर ही राजनीति को आगे बढ़ाएंगे।