वरिष्ठ नेता श्रीनिवास ने कांग्रेस में शामिल होने से किया इनकार
तेलंगाना वरिष्ठ नेता श्रीनिवास ने कांग्रेस में शामिल होने से किया इनकार
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पूर्व सांसद धर्मपुरी श्रीनिवास ने सोमवार को इस खबर का खंडन किया वे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और साफ किया कि वास्तव में उनके बेटे धर्मपुरी संजय कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में श्रीनिवास ने कहा कि वह अपने बेटे के साथ राज्य पार्टी मुख्यालय गांधी भवन गए थे।
श्रीनिवास ने लिखा, मुझे पार्टी कंडुवा की पेशकश कर कुछ नेताओं ने दावा किया कि मैं भी कांग्रेस में शामिल हो गया हूं। अगर ऐसा माना जा रहा है कि मैं कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया हूं, तो मैं इस्तीफा देता हूं। श्रीनिवास के दूसरे बेटे डी. अरविंद निजामाबाद से भाजपा सांसद हैं।
पूर्व मंत्री ने कांग्रेस पार्टी से उन्हें किसी भी विवाद में नहीं घसीटने का अनुरोध किया और कहा कि वह अपनी उम्र के कारण राजनीति से दूर रह रहे हैं।
श्रीनिवास ने अपनी पत्नी डी. विजयलक्ष्मी को गवाह बनाया। विजयलक्ष्मी ने एक अलग बयान जारी कर श्रीनिवास को राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं करने का कांग्रेस से अनुरोध किया।
विजयलक्ष्मी ने कहा कि श्रीनिवास को पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और दावा किया कि उन्हें कल रात दौरा पड़ा।
उन्होंने लिखा, मैं कांग्रेस नेताओं से हाथ जोड़कर विनती कर रही हूं कि वे दोबारा ऐसा न करें। इस उम्र में जब उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो उन्हें शांति से रहने दें।
श्रीनिवास रविवार को गांधी भवन गए थे और दावा किया गया था कि वह नौ साल बाद फिर से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
2004 में सत्ता में वापस आने पर श्रीनिवास अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने दो बार आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) का नेतृत्व किया और वाई.एस. राजशेखर रेड्डी कैबिनेट में मंत्री के रूप में भी काम किया।
श्रीनिवास ने 2014 में नवगठित तेलंगाना राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में चले गए थे। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उन्हें सरकार के विशेष सलाहकार के पद से पुरस्कृत किया था और बाद में उन्हें 2016 में राज्य सभा सदस्य बनाया था।
हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निजामाबाद के वरिष्ठ नेता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों का सामना करना पड़ा। आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे अरविंद को प्रमोट कर बीजेपी में शामिल करवा लिया।
तभी से श्रीनिवास सक्रिय राजनीति से दूर रह रहे हैं।
(आईएएनएस)
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