यूपी में एनसीआर की तर्ज पर बनेगा एससीआर, जल्द मिलेगी कैबिनेट की मंजूरी

उत्तर प्रदेश यूपी में एनसीआर की तर्ज पर बनेगा एससीआर, जल्द मिलेगी कैबिनेट की मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-04 10:30 GMT
यूपी में एनसीआर की तर्ज पर बनेगा एससीआर, जल्द मिलेगी कैबिनेट की मंजूरी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ और आसपास के शहरों (एससीआर) के एकीकृत विकास के प्रस्ताव को इसी महीने कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी। आवास विभाग ने एससीआर के निर्माण पर जल्द कार्रवाई के लिए औपचारिक प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है और इसे जल्द ही मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर एससीआर पर कॉन्सेप्ट नोट को मंजूरी दे दी थी।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना को बनाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को नोडल निकाय बनाए जाने की संभावना है। दक्षिण मध्य रेलवे पर दो प्रमुख समितियां गठित करने की तैयारी भी चल रही है। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार समिति बनाई जाएगी, जिसमें सभी संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव शामिल होंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव (आवास एवं नगर नियोजन) की अध्यक्षता में गठित होने वाली अन्य कार्यकारिणी समिति में लखनऊ, कानपुर और अयोध्या संभाग के संभागीय आयुक्त, सभी संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, संबंधित विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे।

प्रमुख सचिव (आवास और शहरी नियोजन विकास) नितिन रमेश गोकरन ने कहा, मुख्यमंत्री ने लखनऊ शहर और उसके आसपास संतुलित, समावेशी और सतत शहरी विकास सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन पर कॉन्सेप्ट नोट को मंजूरी दी है। अब, हम इस संबंध में एक औपचारिक प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को एससीआर के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि लखनऊ और उसके आसपास के जिलों जैसे उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को अगले 50 वर्षो की मांगों को ध्यान में रखते हुए एससीआर में शामिल किया जा सके।

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (केड्राई) ने राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन पर यूपी सरकार के कदम का स्वागत किया है। केड्राई के प्रदेश अध्यक्ष शोभित मोहन दास ने कहा, यह एक बहुत ही विकासोन्मुखी और साहसिक कदम है, जो लखनऊ के अवैध और बेतरतीब विकास को समाप्त करेगा और राजधानी शहर और उपग्रह शहरों का समग्र विकास सुनिश्चित करेगा।

 

(आईएएनएस)

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