कांग्रेस की तीन कमेटियों में सचिन पायलट को मिली जगह, पायलट खेमे में खुशी की लहर, गहलोत गुट को मिली निराशा
सोनिया ने पायलट पर जताया भरोसा कांग्रेस की तीन कमेटियों में सचिन पायलट को मिली जगह, पायलट खेमे में खुशी की लहर, गहलोत गुट को मिली निराशा
डिजिटल डेस्क, जयपुर। कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर भरोसा जताकर तीन कमेटियों में जगह दी है। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव-2024 को मद्देनजर रखते हुए तीन कमेटियां बनाई हैं। इन तीनों कमेटियां में पायलट को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने राजस्थान विधानसभा से पहले सचिन पायलट को कमेटी में जगह देकर बड़ा संदेश दिया है। इस वक्त पायलट खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है।
— ANI Digital (@ani_digital) May 24, 2022
जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की तीन नई कमेटियों में सचिन पायलट के शामिल होने के बाद सियासत में कयास लगना शुरू हो गया है। पायलट गुट से जुड़े नेताओं का कहना है कि चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट पर फिर भरोसा जताया है। पायलट खेमे के लोगों का कहना है कि आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 से पहले पायलट को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी मिली पायलट को
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अभी लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके लिए तीन कमेटी का गठन किया है। इसका नाम टास्क फोर्स-2024 दिया है। राजनीतिक मामलों को देखने के लिए पॉलिटिकल अफेयर ग्रुप का गठन भी किया है। इसके अलावा भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप फॉर कॉर्डिनेशन बनाया गया है। इसमें सचिन पायलट को जगह मिली है। ये ग्रुप कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा की प्लानिंग और कॉर्डिनेशन का काम देखेगा। राजस्थान से पायलट और भंवर जितेंद्र सिंह के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन को टास्क फोर्स-2024 में जगह मिली है।
गहलोत गुट को झटका
टास्क फोर्स-2024 में गहलोत गुट के एक भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है। ये गहलोत खेमे को बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि CWC सदस्य रघुवीर मीना को शामिल किए जाने के आसार थे। लेकिन ऐन मौके पर सोनिया गांधी ने पायलट एवं भंवर जितेंद्र सिंह पर ज्यादा भरोसा जताया है। जानकारी के मुताबिक रघुवीर मीना किसी गुट के सदस्य नहीं माने जाते हैं।
पायलट और गहलोत दोनों ही गुटों से बाहर हैं। गौरतलब है कि राजस्थान के उदयपुर में चिंतिन शिविर में कांग्रेस का पूरा ध्यान प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव पर था। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दी सकती है।