NDA को लगा एक और झटका, आरएलपी ने छोड़ा साथ, बेनीवाल बोले- संसद में मौजूद होता तो ये कानून फाड़ देता

NDA को लगा एक और झटका, आरएलपी ने छोड़ा साथ, बेनीवाल बोले- संसद में मौजूद होता तो ये कानून फाड़ देता

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-26 13:20 GMT
NDA को लगा एक और झटका, आरएलपी ने छोड़ा साथ, बेनीवाल बोले- संसद में मौजूद होता तो ये कानून फाड़ देता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अकाली दल के बाद एनडीए के एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने साथ छोड़ दिया है। नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि "मैं एनडीए छोड़ने का ऐलान करता हूं।" अगर संसद में मौजूद होता तो ये कानून फाड़ देता। बता दें कि हजारों की तादात में किसानों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले ही बेनीवाल ने स्पष्ट कर दिया था कि भाजपा को अब अपना जवाब देना होगा। किसानों से संबंधित इस मुद्दे को अब एक महीने से अधिक लंबा वक्त होने को जा रहा है।

बेनीवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में एनडीए का साथ छोड़ा है। नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं। एनडीए छोड़ा है इसका अर्थ यह नहीं कि हमारी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इससे पहले किसानों के मुद्दे पर ही एनडीए के सहयोगी दल अकाली दल ने भी उसका साथ छोड़ दिया था। एनडीए के सभी सहयोगी दलों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है, जो किसानों को कृषि कानून के लाभ समझाने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली सिंघू बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं।

बता दें कि जाट नेता हनुमान बेनीवाल पहले ही किसान आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति तथा पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्श समिति से इस्तीफा दिया। एनडीए छोड़ने से पहले बेनीवाल ने कहा था कि लगभग 2 लाख किसान मेरे साथ दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं और इस दौरान हम एनडीए के साथ हमारे गठबंधन के बारे में भी निर्णय लेंगे। यदि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, तो हम एनडीए के साथ अलग होने की घोषणा करेंगे।

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