विधान परिषद चुनाव के जरिए सवर्णों को साधने में जुटा राजद
बिहार सियासत विधान परिषद चुनाव के जरिए सवर्णों को साधने में जुटा राजद
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है। स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर राजद द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में साफ है कि राजद अब सवर्ण मतदाताओं को भी जोड़ने में जुट गई है। इस सूची में भूमिहार, राजपूत, यादव के अलावा ब्राह्मण, वैश्य जाति से आने वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है। सूची में हालांकि किसी महिला प्रत्याशी के नाम शामिल नहीं हैं।
राजद द्वारा जारी सूची में 21 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा भरोसा पारंपरिक यादव वोटरों पर जताते हुए 9 यादव जाति से आने वाले नेताओं को टिकट दिया है। इसके बाद दूसरे नंबर पर लालू ने भूमिहार जाति से आने वाले पांच लोगों को उम्मीदवार बनाया है। राजद की सूची में 4 क्षत्रियों के नाम हैं जबकि राजद ने विधान परिषद चुनाव के लिए एक-एक ब्राह्मण-बनिया और मुसलमान उम्मीदवार को टिकट दिया गया है।
राजद के रणनीतिकार भी जानते हैं कि सवर्ण मतदाता राजद से बिदके रहते हैं। इन मतदाताओं को साथ लाने में राजद तैयारी शुरू कर दी है। राजद नेता तेजस्वी यादव कई मौकों पर पहले ही कह चुके हैं कि राजद सभी जातियों और समाज की पार्टी है।
इधर, राजद द्वारा जारी सूची के बाद सियासत भी प्रारंभ हो गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि ना कोई महिला, ना कोई दलित सिर्फ एक मुसलमान। उन्होंने कहा कि वोट चाहिए सबका, विकास सिर्फ मालदारों का। मांझी ने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजद ऐसे ही गरीबों की पार्टी है।
विधान परिषद की जिन 24 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से इस समय 13 भाजपा के पास, 8 जदयू के पास, 2 राजद के पास और 1 सीट कांग्रेस के पास थी। ये सीटें पिछले साल जुलाई से ही रिक्त हैं और इनपर जल्द चुनाव होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि विधान परिषद के लिए कांग्रेस से गठबंधन की बात चली, लेकिन बाद में राजद ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया।
(आईएएनएस)