राजस्थान सीएम गहलोत ने चला बड़ा चुनावी दांव, बीस साल पुराने बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार का पलटा आदेश
विधानसभा चुनाव 2023 राजस्थान सीएम गहलोत ने चला बड़ा चुनावी दांव, बीस साल पुराने बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार का पलटा आदेश
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी चुनावों को देखते हुए बहुत बड़ा दांव खेला है। सीएम गहलोत ने बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार का 20 साल पुराना फैसला पलट दिया है। सीएम गहलोत ने उन सभी कर्मचारियों के प्रमोशन में बड़ी अड़चन को हटा दिया है जिनके दो से अधिक बच्चे होते है। गहलोत के इस फैसले को जनसंख्या से जोड़कर देखा जा रहा है।
आपको बता दें इससे पहले 2004 में जब बीजेपी की सरकार थी, और वसुंधरा राजे सिंधिया पहली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी थी। तब उनकी बीजेपी सरकार ने किसी भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर प्रमोशन को रोकने का फैसला किया था। 2004 में ये नियम लागू किया गया था। आज गहलोत ने इस फैसले को पलटते हुए पद्दोन्नति देने का फैसला किया हैं। कार्मिक विभाग ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।
सीएम गहलोत के इस दांव को चुनावी दांव माना जा रहा है, जिससे राजस्थान में आठ लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। जिनके 1जून 2002 के बाद से दो से अधिक बच्चे है। इससे पहले सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति पर तीन साल तक रोक लगी थी। इन्हें प्रमोशन और सैलरी बढ़ोतरी का फायदा तीन साल की देरी से मिलता था।
बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार के फैसले से कर्मचारियों का काफी नुकसान होता था। पद्दोन्नति समेत कई अन्य दूसरे लाभ पांच साल तक रूक जाते थे। बीजेपी सरकार के फैसले से जिस किसी कर्मचारी को प्रमोशन 1 जनवरी 2005 में मिलना होता था उसे 1 जनवरी 2010 में मिलता। सिलेक्शन ग्रेड को भी रोक दिया जाता था। जिससे कर्मचारियों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता। अब गहलोत सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। वहीं राजनीतिक जानकार गहलोत के इस कदम को चुनावी साल में कर्मचारियों को रिझाने वाले कदम बता रहे है।