राज ठाकरे ने बोम्मई से चुप रहने को कहा, कांग्रेस ने महाराष्ट्र तोड़ने की साजिश करार दिया
महाराष्ट्र सियासत राज ठाकरे ने बोम्मई से चुप रहने को कहा, कांग्रेस ने महाराष्ट्र तोड़ने की साजिश करार दिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।
पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे। पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।
राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे। कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।
टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं। शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की। राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।
पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।
(आईएएनएस)
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