पीएम फेस के लिए राहुल गांधी को बेलने पड़ सकते हैं पापड़, इन तीन दिग्गज नेताओं के हाथ में है सत्ता की चाबी
राहुल की राहें आसान नहीं पीएम फेस के लिए राहुल गांधी को बेलने पड़ सकते हैं पापड़, इन तीन दिग्गज नेताओं के हाथ में है सत्ता की चाबी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने पर तमाम विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक की सभी पार्टियां एक सुर में राहुल गांधी का समर्थन कर रही हैं। लोकसभा की सदस्यता छिनने के बाद राहुल गांधी घर से भी बेघर हो चुके हैं। इसके बाद विपक्ष का बड़ा हिस्सा तो उनके साथ नजर आ रहा है। फिर भी कुछ दल हैं जो अब भी दूरी बनाए हुए हैं। जिन्हें मिलाए बगैर कांग्रेस की दाल गलना मुश्किल है।
हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी कांग्रेस के साथ किसी भी तरह एलायंस नहीं करेंगी, टीएमसी अपने बलबूते पर आम चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए उतरेगी। केवल ममता ही नहीं इनसे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कांग्रेस से दूरी बनाने की बात कह चुके हैं। साथ ही तेलंगाना के सीएम के. चन्द्रशेखर राव भी कांग्रेस के नेतृत्व करने वाली बात को सिरे से नकार चुके हैं।
राहुल की राह में तीन दिग्गज नेता
दरअसल, कांग्रेस ने हाल ही में अपने रायपुर अधिवेशन में कहा था कि बीजेपी से केवल कांग्रेस पार्टी ही लड़ सकती है इसलिए सभी क्षेत्रीय दलों और विपक्षी पार्टियों को साथ में आना चाहिए। कांग्रेस के इस बयान पर विपक्ष के तमाम नेताओं ने अपना रिएक्शन दिया था। इसी बयान को लेकर विपक्षी खेमे में गहमागहमी चल रही थी कि आखिर विपक्ष का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। इसी मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां कुछ दिनों पहले बंटी हुई नजर आ रही थीं लेकिन इसी बीच राहुल की सदस्यता समाप्त होने पर सभी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ एक मंच पर आ खड़ी हुई हैं। जिसके बाद से ही सवाल उठ रहे हैं कि आखिर साल 2024 का लोकसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा? ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि वो कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने वाली हैं। ऐसा ही कुछ दिल्ली के सीएम केजरीवाल, और मुख्यमंत्री केसीआर भी कह चुके हैं, तो कांग्रेस और राहुल गांधी के पास क्या विकल्प बचता है।
राहुल गांधी को ये तीन नेता कर सकते हैं परेशान
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कुछ महिने पहले ही भारत जोड़ो यात्रा समाप्त की है अगर विपक्ष उनको अपना नेता मानने से इंकार कर दे तो राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं की उम्मीदें टूट सकती हैं क्योंकि राहुल के खिलाफ तीन नेता पीएम फेस के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। जिनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर हैं। अगर राहुल गांधी को साल 2024 में पूरे विपक्ष का नेतृत्व करना है तो इन तीनों नेताओं को अपने पाले में लाना ही होगा। हालांकि, राहुल गांधी की सदस्यता अमान्य हो गई है अगर भविष्य में इसके उलट कुछ अलग परिस्थितियां बनती हैं और वो चुनाव लड़ने में योग्य हो जाते हैं फिर भी ये तीन नेता उनके लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं।
क्या कर सकते हैं राहुल गांधी?
राहुल गांधी को इन तीनों नेताओं को अपने पाले में लाने के लिए संवाद करना होगा। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की विजन को उनके समक्ष रखना होगा ताकि आगे चलकर गठबंधन होता भी है तो टूट की स्थिति न हो। साथ ही कांग्रेस और राहुल गांधी को इन तीनों नेताओं की राजनीतिक करियर से सबक और उनके तजुर्बों को तरजीह देते हुए उनकी पूरी बात सुननी पड़ेगी। कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के समक्ष पीएम फेस बन कर सामने आना है तो तमाम विपक्षी दलों को तो अपने पाले में लाना ही होगा। साथ ही उन्हें बीजेपी से आक्रामक होकर लड़ने के लिए भी तैयार होना पड़ेगा। तभी राहुल गांधी या पूरा विपक्ष सत्ताधारी बीजेपी को टक्कर देने में कामयाब हो पाएगा।
सीएम नीतीश कांग्रेस के साथ
इन तीनों नेताओं के अलावा कांग्रेस को क्षेत्रीय दल जैसे जदयू, आरजेडी, एनसीपी, झामुमो, डीएमके का साथ मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। क्योंकि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर बीजेपी को हराना है तो सारा विपक्ष एकजुट हो जाए। कुमार ने जोर देकर कहा था कि कांग्रेस पार्टी तय करे कि उसे गठबंधन करना है या नहीं। बता दें कि, राहुल गांधी को सीएम नीतीश, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, हेमंत सोरेन और एमके स्टालिन को साधने की जरूरत नहीं पड़ने वाली क्योंकि ये नेता पहले भी कई बार कांग्रेस को अपना नेतृत्व करने की बात कह चुके हैं।
स्टालिन भी हैं तैयार
कुछ दिनों पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गैर बीजेपी सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को डिनर पार्टी के लिए दिल्ली बुलाया था। जिसमें कोई नहीं पहुंचा था। सभी ने कुछ न कुछ बहाना बनाकर बात को टाल दिया था। इसी डिनर पार्टी को लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा था कि अगर जहां कांग्रेस को नहीं बुलाया जाएगा वहां हमारी पार्टी का कोई नेता नहीं जाएगा। यह बात तो साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी को तीन नेताओं को साधना होगा तभी जाकर आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की नेतृत्व करने की मंशा पूरी हो पाएगी। लेकिन ये राहें कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए आसान नहीं होने वाली है।