उत्तराखण्ड के सीएम बनने जा रहे पुष्कर धामी का लखनऊ से रहा पुराना नाता

उत्तराखण्ड उत्तराखण्ड के सीएम बनने जा रहे पुष्कर धामी का लखनऊ से रहा पुराना नाता

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-22 10:01 GMT
उत्तराखण्ड के सीएम बनने जा रहे पुष्कर धामी का लखनऊ से रहा पुराना नाता
हाईलाइट
  • छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे धामी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तराखंड में दोबारा मुख्यमंत्री की शपथ लेने की तैयारी में लगे पुष्कर सिंह धामी का यूपी की राजधानी लखनऊ से पुराना नाता रहा है। पुष्कर सिंह धामी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र होने के साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में भी काम करते थे। पढ़ाई के साथ-साथ वह लविवि की छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे। छात्रों की छोटी-छोटी समस्याओं को उठाने वाले धामी दोस्तों के काफी प्रिय रहे।
उनके साथ काम कर चुके वर्तमान में बलिया से विधायक दयाषंकर सिंह कहते हैं कि वह अपने स्वाभाव से सबका मन मोह लेते थे। एनडी हास्टल के कमरा नंबर 119 में रहते थे। अक्सर मेस में खाना खत्म हो जाने पर हम सब खुद ही दाल-चावल और चोखा बना लेते थे। वह छात्रसंघ में काफी एक्टिव रहे। वह विद्यार्थी परिषद के तमाम दयित्वों में रहे। वह छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ना चाहते थे। उन्होंने तमाम प्रकार के आंदोलनों में भाग भी लिया। वह संगठन को मजबूत बनाने पर बहुत ध्यान देते थे। लेकिन वह मेल-जोल बढ़ाने पर काफी यकीन रखते हैं। उनको दोबरा मुख्यमंत्री बनने पर बहुत खुशी है।

एबीवीपी के पूर्व संगठन मंत्री सोमेष वर्धन सिंह ने बताया कि 1996 में पुष्कर धामी हम लोगो के साथ विद्यार्थी परिषद से जुड़े। इसके बाद वह विश्वविद्यालय इकाई के पहले मंत्री थे। यहां विश्वविद्यालय के प्रमुख थे। वह छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ना चाह रहे थे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में आरएसएस की शाखा लगाने के मुख्य सूत्र धार यही थे। उन्होंने बताया कि जब छात्रों को छात्रावास से निकाला गया तो वह छात्रों के साथ खड़े रहे। उन्होंने प्रदर्शन भी किया। धामी की एक खसियत है जो लखनऊ में एक बार उनसे मिला है। उसे नाम से पुकारते हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और एबीवीपी के पूर्व पदाधिकारी संजय शुक्ला ने बताया कि वह विद्यार्थी परिषद के अच्छे कार्यकर्ता रहे। वह संगठन को बढ़ावा देने के लिए काफी काम करते थे। पहले वह शिवाजी के संपर्क में आए उनके साथ काम किया। पढ़ाई और छात्र राजनीति साथ-साथ करते थे। एबीवीपी को बढ़ाने और छात्र हित के लिए लगे रहते थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में स्नानकोत्तर, स्नातक तथा एलएलबी करने के साथ ही डीपीए (डिप्लोमा इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) कोर्स करने वाले पुष्कर सिंह धामी बेहद ही अनुशासित नेता हैं। आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग के प्रशिक्षित स्वयंसेवक धामी ने अपने छात्र जीवन के दौर में भी सामाजिक कार्य में काफी बढ़कर भाग लिया।

उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर (लखनऊ विश्वविद्यालय) से दायित्ववान कार्यकर्ता का भी काम बखूबी संभाला। इससे पहले भी करीब दस वर्ष तक उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में समूचे राज्य में सक्रिय रहे। उत्तराखंड के गठन के बाद वह लखनऊ को छोड़कर खटीमा चले गए। उसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड के लगातार दो बार 2002 से 2008 तक प्रदेश अध्यक्ष बने। वह 2001-2002 तक मुख्यमंत्री, उत्तराखंड के विशेष कार्याधिकारी रहे। इसके बाद 2010-2012 से दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखंड रहे। वह 2016 से अभी तक भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। वह 2012-2017 और 2017-2022 तक खटीमा से विधायक रहे।

 

 (आईएएनएस)

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