प्रशांत किशोर बोले- आसानी से राष्ट्रीय दल नहीं बन सकती आम आदमी पार्टी, 20 करोड़ वोट चाहिए

राजनीति प्रशांत किशोर बोले- आसानी से राष्ट्रीय दल नहीं बन सकती आम आदमी पार्टी, 20 करोड़ वोट चाहिए

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-29 11:34 GMT
प्रशांत किशोर बोले- आसानी से राष्ट्रीय दल नहीं बन सकती आम आदमी पार्टी, 20 करोड़ वोट चाहिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब में मिली जोरदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी को लेकर तरह- तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय दल बनने को लेकर भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि आप को राष्ट्रीय दल बनने के लिए 15 से 20 साल का वक्त लगेगा।

उन्होंने कहा कि देश में कई राजनैतिक दलों ने राष्ट्रीय दल के रुप में पहचान बनाने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस और बीजेपी ही राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभर पायी हैं। अगर आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल बनना है तो उसे 20 करोड़  वोट हासिल करने होंगे। जबकि आप को 2019 में केवल 27 लाख वोट मिले थे। 

उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं की कोई पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं पा सकता, लेकिन यह रातों रात नहीं हो सकता इसके लिए वक्त लगेगा। आप को इसके लिए 15 से 20 सालों का वक्त लग सकता है। बता दें कि, प्रशांत किशोर ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय पार्टी के बारे में बात करते हुए कहा कि "सैद्धांतिक रूप से कोई भी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है, लेकिन इतिहास देखने पर पता चलता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही ऐसी पार्टी है जो पूरे भारत तक पहुंच पायी हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उनके समर्थक आज भी काम कर रहे हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि किसी का लोकप्रिय होने से यह तय नहीं हो सकता कि वह चुनाव न हार सके। जैसा कि बंगाल में हुआ। वहीं किशोर ने  उत्तरप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को मिली हार के बारे में कहा कि अखिलेश यादव की सभा में बहुत भीड़ आती थी उनको 30 प्रतिशत वोट मिले लेकिन फिर भी सपा को हार का समना करना पड़ा। 

भाजपा को मिली 4 राज्यों में जीत के बाद क्या बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे नहीं रह गए हैं? इस सवाल के जवाब पर प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं है।  उन्होंने कहा कि, बीजेपी को 38 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि 62 प्रतिशत लोगों ने उनके खिलाफ वोट दिया है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह हुआ कि देश के 100 में से 38 लोग ही उनके साथ हैं। बाकी 62 लोगों ने सरकार के खिलाफ वोट किया है। मतदाता वोटिंग पैटर्न के मामले में अपने को एकजुट नहीं कर पाये हैं और जिसका फायदा एक पार्टी को  मिल जाता है। 


 

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