2023 में बढ़ेगी सियासी गर्मी, देश के 9 राज्यों में होगा विधानसभा चुनाव, 2024 लोकसभा चुनाव पर भी रहेगा फोकस

वेलकम-2023 2023 में बढ़ेगी सियासी गर्मी, देश के 9 राज्यों में होगा विधानसभा चुनाव, 2024 लोकसभा चुनाव पर भी रहेगा फोकस

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-31 09:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में सभी लोग नववर्ष पर खुशियां मना रहे हैं। राजनीतिक रूप से भी यह साल काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इस पूरे साल सियासी गर्मी बनी रहेगी क्योंकि देश में मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके साथ ही 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भी सियासी बिसात इसी साल बिछना शुरू हो जाएगा। इस साल 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव रिजल्ट तय करेंगे कि दिल्ली का सफर किसा पार्टी के लिए आसान होना वाला है। ऐसे में इस साल सियासी गहमागहमी बनी रहेगी।

पूर्वात्तर से पश्चिम तक चढ़ेगा सियासी पारा

साल 2023 चुनावी मौसम वाला रहेगा। यह मौसम किस पार्टी के लिए खुशनुमा रहेगा, ये तो वक्त बताएगा। लेकिन प्रत्येक राजनीतिक पार्टी के लिए इस साल हो रहे विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना मजबूरी है। क्योंकि इससे आगामी 2024-लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत सियासी पिच तैयार हो जाएगी, साथ ही जनता के बीच सकारात्मक संदेश भी जाएगा। अब देखना अहम होगा कि क्या विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ उतरते हैं या फिर कोई अलग रणनीति अपनाते हैं।

इन राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव

साल 2023 में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में भी चुनाव कराया जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। राजनीतिक जानकारों की माने तो साल 2023 का विधानसभा चुनाव हर पार्टी के लिए सेमीफाइनल साबित होगा। असल राजनीतिक फाइनल मुकाबला तो 2024 लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। वैसे बीजेपी व कांग्रेस समेत अन्य दल चुनावी मौसम को देखते हुए कमर कसना शुरू कर दिए हैं। राजनेताओं की उन राज्यों में सक्रियता तेज हो गई है, जिन राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इसी से जोड़कर देखी जा रही है।

इस साल कांग्रेस की होगी अग्नि परीक्षा

यह साल कांग्रेस के लिए राजनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। हाल ही में आए चुनाव परिणाम में भले ही हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने वापसी की हो लेकिन पार्टी की अन्य राज्यों में हालात बहुत अच्छे नहीं है। कांग्रेस को आगामी 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंकनी ही होगी और बेहतर प्रदर्शन करना होगा। हालांकि, बीजेपी के सामने कांग्रेस के लिए ये काम इतना आसान भी नहीं है। वैसे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर ही देखा जा रहा है। साथ ही उन राज्यों से होकर राहुल गांधी की पदयात्रा गुजरी है, जहां पर इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इस हिसाब से राहुल गांधी एक तीर से दो शिकार कर रहे हैं। वैसे वक्त बताएगा कि इस पदयात्रा से कांग्रेस पार्टी को कितना नफा या नुकसान हुआ।

गहलोत-पायलट की जंग बनी सिरदर्द

देशभर की निगाहें इस साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। राजस्थान कांग्रेस इस राज्य में अंदरूनी कलह से जूझ रही है। बीजेपी इसका फायदा उठाने के लिए टकटकी लगाकर देख रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के सत्ता के लिए संघर्ष खत्म होने का नाम नहीं ले रही है कि कई बार इन दोनों के बीच में आपसी समझौता कराने के लिए हाईकमान को भी आना पड़ा लेकिन उसका कोई फर्क नहीं पड़ा।

राजस्थान ने साल 2018 में विधानसभा की 200 सीटों में 100 सीटें जीतकर बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया था। 2013 चुनाव में 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी साल 2018 में कांग्रेस की सुनामी के सामने महज 73 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई। इस साल फिर से बीजेपी व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि, गहलोट व पायलट के बीच का टक्कर खत्म न होने से कांग्रेस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। जो कि पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है।

दक्षिण राज्य पर बीजेपी की नजर

कर्नाटक में भी इसी साल चुनाव होने जा रहे हैं। एकमात्र दक्षिण राज्य को बीजेपी बचाने के लिए अभी से तैयारी में जुट चुकी है। साल 2018 में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद इस राज्य में खूब ड्रामे हुए थे, साथ ही जमकर बवाल भी हुआ था। त्रिशंकु विधानसभा के बाद बीएस येदियुरप्पा को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई लेकिन बाद में बहुमत नहीं जुटा पाने की वजह से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद कांग्रेस ने जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन कर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बनाई। हालांकि, 14 महीने बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और कुमारस्वामी की सरकार गिर गई। जिसके बाद जुलाई 2019 में येदियुरप्पा के स्थान पर बीजेपी ने बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया। कर्नाटक भाजपा के लिए इस हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह साउथ इंडिया का एकमात्र राज्य है जहां पर बीजेपी शासन कर रही है।

तेलंगाना में बीजेपी का ये है प्लान

जब से केंद्र में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी है, तब से पार्टी हर राज्यों के चुनाव को उतना ही तवज्जो देती है, जितना पार्टी शासित राज्यों में देती आ रही है। इसी कड़ी में बीजेपी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में एंट्री करने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही है। मौजूदा वक्त में तेलंगाना के गठन के बाद से चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति सत्ता पर काबिज है।

बीजेपी यहां पर पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। वैसे केसीआर मोदी को टक्कर देने के लिए केंद्र की राजनीति में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। भारत राष्ट्र समिति के रूप में अपनी पार्टी को फिर से लॉन्च किया है। बीजेपी भी केसीआर को राज्य में कड़ी टक्कर देने के लिए जमीन पर उतर रही है।

ऐसे में देखना होगा कि साल 2023 विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा होगा। 


 


 

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