पी चिदम्बरम ने आर्थिक मामले पर मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस चिंतन शिविर पी चिदम्बरम ने आर्थिक मामले पर मोदी सरकार को घेरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस चिंतन शिविर के दूसरे दिन मंथन से पहले पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने आर्थिक मामले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है। आर्थिक नीतियां देश के हित में नहीं है। पी. चिदंबरम ने प्रेस वार्ता से पहले दिल्ली के मुंडका में भीषण आग की घटना पर भी दुख जताया।
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है। इसके बाद केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा , लोगों की नौकरियां चली गई हैं, लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है, उच्चतम ब्याज दर के कारण रुपया कमजोर हो गया है। इस मामले में सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। हम जनता के सामने उनकी असफलताओं को रखेंगे।
वहीं बढ़ती महंगाई पर रूस यूक्रेन वॉर को जिम्मेदार ठहराने पर उन्होंने कहा, केंद्र महंगाई के लिए रूस-यूक्रेन वॉर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती। युद्ध से पहले भी तेल की कीमतें ज्यादा थी। आज महंगाई बढ़ रही है, लेकिन केंद्र की कोई तैयारी नहीं है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, पिछले 8 सालों से विकास की धीमी दर ही केंद्र सरकार की पहचान रही है। वैश्विक और घरेलू घटनाक्रमों को देखते हुए आर्थिक नीतियों में बदलाव किए जाने की आवश्यकता है।
पी. चिदम्बरम ने इस बात का भी जिक्र किया कि, कांग्रेस चिंतन शिविर में आर्थिक हालातों पर चर्चा कर रही है और हमें आगे क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इस बात पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है, क्योंकि आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार गलत कदम उठाते ही जा रही है। जीएसटी के गलत इंप्लीमेंटेशन की वजह से राज्यों की हालत खराब हो गई है।
कांग्रेस ने चिंतन शिविर के पहले दिन युवाओं को राइट टू जॉब की बात भी कही थी। चिदम्बरम ने बेरोजगारी को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और सेना में भर्ती का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि, सेना में 3 साल से कोई भर्ती नहीं हो रही है। सरकार इस देश में सबसे ज्यादा रोजगार देती है, लेकिन मोदी सरकार ने नई भर्तियों के दरवाजे बंद कर दिए हैं। मोदी सरकार युवा, गरीब, दलित-आदिवासी विरोधी सरकार है।
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