स्कूलों में नौकरी गंवाने वाले सभी टीएमसी कैडर नहीं हैं : ममता
कोलकाता स्कूलों में नौकरी गंवाने वाले सभी टीएमसी कैडर नहीं हैं : ममता
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिन सरकारी स्कूलों के शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं, जरूरी नहीं कि वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कैडर या विश्वासपात्र हों।
उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में हजारों शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने ऋषि अरबिंदो घोष की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा- मैं भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन उनकी गलतियों के कारण हमें उनकी सेवाओं को समाप्त करके युवाओं को दंडित नहीं करना चाहिए। आज ही मैंने सुना कि दो युवकों ने सेवा समाप्त होने के बाद आत्महत्या कर ली है। जिन लोगों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें से प्रत्येक मेरी पार्टी का कैडर नहीं है।
इस अवसर पर बोलते हुए, उन्होंने न्यायपालिका से यह भी विचार करने की अपील की कि जिन लोगों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, उन्हें कैसे बहाल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, इसे कानूनी व्यवस्था के तहत अनुमेय प्रावधानों के तहत किया जाना चाहिए।
एक अपील को जारी करते हुए ममता बनर्जी काफी भावुक नजर आईं। उन्होंने कहा- आप शायद मुझे पसंद नहीं करते। आप मेरी पार्टी के खिलाफ हो सकते हैं। इतने विकास कार्यों के बाद भी आप मेरी सरकार के खिलाफ हो सकते हैं। आप मुझे गाली देने के लिए स्वतंत्र हैं। आप मुझे हिट करने के लिए भी स्वतंत्र हैं। लेकिन प्रदेश के युवाओं का भविष्य खराब न होने दें और प्रदेश का नाम बदनाम न करें।
कानून की डिग्री रखने वाली मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार उन्हें लगता है कि बहस के दौरान वह खुद वकील के तौर पर पेश होती हैं। अगर मैं अदालत में पेश हो सकती हूं, तो मैं बहस कर सकती हूं और अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकती हूं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और माकपा के राज्यसभा सदस्य ने मुख्यमंत्री की दलीलों को निराधार बताते हुए कहा कि अवैध रूप से नौकरी पाने वालों की भी उतनी ही गलती है, जितनी व्यवस्था के भीतर उन लोगों की जिन्होंने इस अनियमितता को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, ऐसे अपराध के लिए कानूनी प्रावधानों के अनुसार कोई सुधार नहीं है जहां पैसा दिया गया और प्राप्त किया गया। मुख्यमंत्री भी यह जानती हैं। लेकिन अब वह कानूनी मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के भावनात्मक प्रकोप का सहारा ले रही हैं।
मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए, राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि यह उनकी पार्टी के नेताओं को उन लोगों के प्रकोप से बचाने के लिए उनकी नई चाल है जिनकी सेवाएं कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद समाप्त की जा रही हैं। इन बर्खास्त उम्मीदवारों ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को मोटी रकम देकर नौकरी हासिल की। अब मुख्यमंत्री को डर है कि ये उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को पैसे वापस करने की मांग करेंगे।
(आईएएनएस)
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