महागठबंधन के सूत्रधार शरद यादव का जब टूट गया धैर्य, पार्टी का आरजेडी में विलय होने के बाद जब जडीयू नेताओं ने उड़ाया था मजाक
शरद यादव निधन महागठबंधन के सूत्रधार शरद यादव का जब टूट गया धैर्य, पार्टी का आरजेडी में विलय होने के बाद जब जडीयू नेताओं ने उड़ाया था मजाक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रहे शरद यादव का गुरुवार की रात को निधन हो गया। उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। इस बात की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्विटर के माध्यम से दी। शरद यादव के निधन पर देशभर के कई नेताओं ने दुख जताया है। शरद यादव की गिनती बिहार के दिग्गज नेताओं में होती रही है। उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर में कई सारे उतार चढ़ाव देखे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी मनमुटाव की खबरे काफी ज्यादा चर्चा का विषय बनी। जब तुगलक रोड स्थित 7 नंबर बंगले में 22 साल तक जीवन बिताने के बाद उन्हें अपने आवास को खाली करना पड़ा था। इससे पहले वे लुटियंस जोन में काफी लंबे समय तक रहे थे। इस सरकारी आवास को पाने के लिए उन्होंने बहुत जद्दोजहद की थी, लेकिन नीतीश से दुश्मनी के कारण उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ा।
साल 2015 की बात है। जब बिहार में बीजेपी को हराने के लिए आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। तब शरद यादव को इसका सूत्रधार माना गया। इसके बाद वर्ष 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए, तब शरद यादव उनके इस फैसले से काफी ज्यादा नाराज थे। बाद में जेडीयू से खुद को अलग करके एक नई पार्टी 'लोकतांत्रिक जनता दल' बना ली। इस पार्टी का विलय आरजेडी में हो गया।
जेडीयू के नेताओं ने उड़ाया था शरद यादव का माजक
शरद की पार्टी विलय होने के बाद नीतीश के नेताओं ने उनका खूब मजाक उड़ाया था। उस वक्त जेडीयू के नेताओं ने कहा था कि , " यह वही शरद यादव है। जिन्होंने लालू यादव को सजा होने पर खुशी जाहिर की थी। उस वक्त कहा था कि भ्रष्टचारियों के लिए यह सबक होगा। जब उनकी नजर में लालू यादव भ्रष्टाचारी नेता है, तब उन्होंने आरजेडी में विलय क्यों किया? देखना है कि तेजस्वी यादव अपने पिता को भ्रष्ट कहने वाले को क्या इनाम देते हैं। वाह समाजवाद!"
शरद यादव ने कही थीं ये बातें
बता दें कि, पिछले साल मई महीने में शरद यादव को 7 तुगलक रोड बंगला को खाली करना पड़ा था। वे बतौर केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में इस बंगले में 22 सालों से रह रहे थें। अवास खाली करने के बाद उन्होंने बड़े भावुक अंदाज में कहा था कि," समय आता है और चला जाता है। मैं 50 साल से लुटियंस जोन में हूं। मैं 7 तलुगक रोड पर 22 साल से हूं। समय बदलता रहता है।" राजद ने वादा करने के बाद भी उन्हें राजसभा नहीं भेजा था। इस बारे जब शरद यादव से सवाल किया गया था तब उन्होंने कहा था कि बेहतर यही है कि अब पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ें, क्योंकि अब हर जगह पर राज्यसभा के सीट तय हो गई है।
उन्होंने आगे कहा था कि , "मैंने अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया है। मैंने तीन बार संसद से इस्तीफा दिया है। इस समय कितने नेताओं ने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा किया है?" उन्होंने आगे कहा था कि 'मैंने अपने जीवन में बहुत सारे उतार चढ़ाव देखे हैं। इस दौरान मैंने एक नहीं कई सारे चुनाव भी लड़े हैं। मैं इस लुटियंस में 50 साल से रह रहा हूं, लेकिन लुटियंस दिल्ली में आज मेरा आखिरी दिन है। समय बदलेगा तो मैं फिर यहां लौटूंगा। शरद यादव साल 2000 से ही 7 तुगलक रोड बंगले में रह रहे थे, तब वे केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे। राजद द्वारा राज्यसभा नहीं भेजने पर शरद यादव ने उस बंगले को खाली कर दिया।