भाजपा कार्यकर्ता की ओर से दायर मानहानि मामले में नवाब मलिक को मिली जमानत
मुंबई भाजपा कार्यकर्ता की ओर से दायर मानहानि मामले में नवाब मलिक को मिली जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता मोहित कंबोज भारतीय द्वारा दायर 100 करोड़ रुपये के मानहानि से संबंधित मुकदमे के मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को जमानत दे दी। मलिक, जिन्होंने तीन सप्ताह पहले मझगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दिया था, को 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। अदालत ने मामले को 30 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट निर्धारित किया है। पिछले महीने, भाजपा के पदाधिकारी ने एनसीपी नेता के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया था, जिसमें खुलासा किया गया था कि उनके बहनोई ऋषभ सचदेव 2 अक्टूबर को कार्डेलिया क्रूज पर छापा मारने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में से थे, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
दरअसल अदालत ने इस महीने की शुरूआत में भारतीय की ओर से दाखिल की गई आपराधिक मानहानि की शिकायत पर नवाब मलिक को एक नोटिस जारी किया था। भारतीय ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि एनसीपी नेता ने पिछले महीने हुई कार्डेलिया क्रूज शिप पर एनसीबी की छापेमारी के बाद उन्हें और उनके बहनोई को बदनाम किया। तब अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्ट्या मलिक के बयानों ने शिकायतकर्ता की छवि को नुकसान पहुंचाया। मलिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत अपराध का मामला दर्ज किया गया था। एनसीबी ने पिछले महीने कार्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी की थी और जहाज से ड्रग्स बरामद करने का दावा किया था।
भारतीय ने तर्क दिया कि मंत्री ने कथित तौर पर अपनी शक्ति और स्थिति का इस्तेमाल संदेह पैदा करने और उनके बहनोई के बारे में अफवाह फैलाने के लिए किया, जिससे उनकी छवि और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। भारतीय द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों की जांच करने के बाद, मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया कि प्रथम ²ष्टया, 9 और 11 अक्टूबर को मीडिया ब्रीफिंग में मलिक के बयान मानहानि की ओर इशारा करते हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए मलिक ने कहा था कि उन्होंने अदालत के नोटिस का सम्मान किया है और भारतीय द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए हैं, लेकिन उन्होंने शिकायतकर्ता की सभी दलीलों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, हमने यह भी रिकॉर्ड में लाया है कि कैसे भारतीय खुद एक धोखेबाज व्यक्ति है, जो 1,100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल है और उस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा छापेमारी की गई है। जब घोटाला सामने आने लगा, तो उसने अपना नाम कंबोज से बदलकर भारतीय कर लिया। हमने सभी सबूत अदालत को सौंप दिए हैं और बाद में और सबूत मुहैया कराएंगे। मंत्री के खुलासे के तुरंत बाद, भारतीय ने उन्हें कुछ कानूनी नोटिस भेजे थे और जब आरोप जारी रहे, तो उन्होंने मझगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष मलिक के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।
(आईएएनएस)