एमवीए ने राहुल के खिलाफ कार्रवाई की निंदा की, इसे लोकतंत्र की हत्या बताया
राजनीति एमवीए ने राहुल के खिलाफ कार्रवाई की निंदा की, इसे लोकतंत्र की हत्या बताया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सीट से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गुरुवार को रोष प्रकट किया है। जबकि सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी ने इस कदम का पुरजोर समर्थन किया। शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई को लोकतंत्र की सरासर हत्या बताया है। ठाकरे ने कहा कि अब देश में एक चोर को भी चोर कहना अपराध है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विपक्ष के नेता अजित पवार ने इस कदम की निंदा की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने यह जानने की मांग की कि यदि आप चोर को चोर नहीं कहते हैं, तो क्या उसे डाकू कहा जाना चाहिए। सभी एजेंसियों की मदद से लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का पदार्फाश करने की सजा मिल रही है, जो केवल नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे भ्रष्ट लोगों के लिए काम कर रही है, जिन्होंने हजारों करोड़ जनता का पैसा लूटा है। उद्धव ठाकरे ने कहा, चोर और घोटालेबाज खुलेआम घूम रहे हैं जबकि राहुल गांधी को सजा दी गई है। यह लोकतंत्र की जघन्य हत्या है। सभी संस्थाएं दबाव में हैं। यह निरंकुशता के अंत की शुरुआत है, और लड़ाई को एक नई दिशा की जरूरत है।
वहीं राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि मैं हमारे राजनीतिक परि²श्य में इस नए चलन की निंदा करता हूं जो आज के परि²श्य में सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। मैं देश में मौलिक अधिकारों, भाषण की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को कम करने के प्रयास पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करता हूं। भारत के राजनीतिक दलों, नेताओं और नागरिकों की आवाज को बार-बार दबाने का प्रयास गंभीर चिंता का विषय है। कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि लोकसभा का फैसला लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है, लेकिन अब राहुल गांधी इंदिरा गांधी की तरह उभरेंगे और देश का नेतृत्व करने के लिए भाजपा को हरा देंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, जयंत पाटिल, अजय चौधरी जैसे राज्य के अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस कदम की निंदा की और बाद में विधायिका के बाहर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।
(आईएएनएस)
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