जन्मदिन पर आई पार्टी की याद? बेटे और भाई को मिलाने की कवायद शुरु
मुलायम की छटपटाहट जन्मदिन पर आई पार्टी की याद? बेटे और भाई को मिलाने की कवायद शुरु
डिजिटल डेस्क,लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव आज अपना 83वां जन्मदिन मना रहे है। ऐसे में वो अपनी डूबती हुई पार्टी को बचाने के लिए कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं और चाचा-भतीजे को करीब लाने की भी कोशिश जरुर करेंगे। क्योंकि मुलायम सिंह यादव ये बात अच्छी तरह जानते है कि अगर समाजवादी पार्टी का अस्तित्व उत्तर प्रदेश में बचाना है तो, यादव परिवार को एक छत के नीचे आने की जरुरत पड़ेगी।
अगर रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी की तरह चाचा-भतीजे में टकरार बरकरार रही तो, समाजवादी पार्टी का भी वही हाल होगा, जो हाल बिहार में एलजेपी का हुआ है। मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन उनके पार्टी कार्यालय में ही आयोजित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, इस खास अवसर पर अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव एक साथ आ सकते है और आने वाला चुनाव साथ लड़ सकते है।
वैसे तो शिवपाल यादव काफी समय से अखिलेश की पार्टी के साथ गठबंधन की बात कर रहे है। लेकिन, अखिलेश की तरफ से ऐसे किसी बात का संकेत नहीं दिया गया। हो सकता है कि, आज वो दिन है,जब चाचा और भतीजे की दूरियां मिट जाएंगी। क्योंकि रुठों को मानना मुलायम सिंह यादव अच्छी तरह से जानते है।
"नेताजी" और "धरतीपुत्र" के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे है। वो उत्तर प्रदेश की सीएम सीट पर 3 बार विजय हो चुके है। सबसे पहले 1989-1991 तक, दूसरी बार 1993-1995 तक और तीसरी बार 2003-2007 तक। मुख्यमंत्री के अलावा मुलायम सिंह यादव एक बार केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री के पद पर भी रहे है।