मोदी ने वैश्विक कॉमन्स में सुधार के लिए पर्यावरणीय प्रयासों की त्रिमूर्ति की घोषणा की
नई दिल्ली मोदी ने वैश्विक कॉमन्स में सुधार के लिए पर्यावरणीय प्रयासों की त्रिमूर्ति की घोषणा की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जलवायु कार्रवाई के तहत भारत द्वारा बनाए गए तीन वैश्विक गठबंधन- सीडीआरआई, आईआरआईएस और लाइफ- वैश्विक साझाकरण में सुधार के लिए भारत के पर्यावरण प्रयासों की त्रिमूर्ति होंगे। गठबंधन ऑफ डिजास्टर रेजिलिएंट (सीडीआरआई), इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (आईआरआईएस) और लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट का मंत्र दुनियाभर में समान विचारधारा वाले लोगों को एकजुट करेगा, जो स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देंगे।
मोदी ने कहा, मैं उन्हें 3पीएस कहता हूं। ग्रह समर्थक लोगों का यह वैश्विक आंदोलन जीवन के लिए गठबंधन है। ये तीन वैश्विक गठबंधन वैश्विक पर्यावरण में सुधार के लिए हमारे प्रयासों की त्रिमूर्ति का निर्माण करेंगे। भारत ने सितंबर 2019 में यूएन क्लाइमेट एक्शन समिट में सीडीआरआई लॉन्च किया, जबकि आईआरआईएस को पिछले साल ग्लासगो में आयोजित कॉप26 में लॉन्च किया गया था, जहां मोदी ने संयुक्त जलवायु कार्रवाई के लिए अपील के रूप में लाइफ मंत्र भी दिया था।
प्रधानमंत्री द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) द्वारा आयोजित वर्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (डब्ल्यूएसडीएस2022) के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस वर्ष के आयोजन की थीम टुवार्डस ए रेजिलिएंट प्लैनेट, सुनिश्चित करना एक सतत और न्यायसंगत भविष्य है। गरीबों तक समान ऊर्जा पहुंच भारत की ऊर्जा नीति की आधारशिला रही है। पर्यावरणीय स्थिरता केवल जलवायु न्याय के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। यह कहते हुए कि भारत के लोगों की ऊर्जा की आवश्यकता अगले 20 वर्षो में दोगुनी होने की उम्मीद है, प्रधानमंत्री ने कहा, इस ऊर्जा को उन्हें नकारना स्वयं लाखों लोगों को जीवन से वंचित करना होगा।
उन्होंने कहा कि सफल जलवायु कार्रवाई नीति के लिए पर्याप्त वित्त की जरूरत है और इसके लिए हर देश को वित्त और प्रौद्योगिकी पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की जरूरत है। इसके लिए विकसित देशों को जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की जरूरत है। मोदी ने जलवायु कार्रवाई के तहत भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का भी जिक्र किया, जिसमें भूमि बहाली, उज्जवला योजना, एलईडी बल्ब, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि पंपों के सौरकरण सहित अन्य शामिल हैं।
उन्होंने संपूर्ण विश्व दृष्टिकोण की भी बात की और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पर प्रकाश डाला। मोदी ने दुनिया को याद दिलाया कि कैसे भारत की परंपरा ने प्रकृति के साथ जीवन जीने को सुनिश्चित किया। इससे पहले, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद भारत ने अपनी जलवायु महत्वाकांक्षा को बढ़ाया है। यादव ने कहा, भारत दुनिया में सबसे महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा संक्रमणों में से एक का नेतृत्व कर रहा है। भारत के समावेशी और टिकाऊ मैक्रो-आर्थिक विकास के लिए यह आवश्यक है कि देश के अनुकूलन और शमन दोनों उद्देश्यों को समान रूप से महत्व दिया जाए। हमारे नए केंद्रीय बजट ने इस रास्ते पर जाने के हमारे दृढ़ संकल्प की पुष्टि की है।
यादव ने विकसित देशों को उचित महत्वाकांक्षा के साथ अपनी ओर से जवाब देने की याद दिलाते हुए कहा, उन्हें अपने दोनों वादों को पूरा करना चाहिए - अपनी जीवनशैली को बदलकर उत्सर्जन में भारी कमी करना और विकासशील देशों को अधिक वित्त व प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करना। ब्लूमबर्ग फाइलेनथ्रोपी के माइकल रूबर्न ब्लूमबर्ग ने उद्घाटन समारोह के अंत में सतत विकास नेतृत्व के लिए पुरस्कार प्राप्त किया।
(आईएएनएस)