छात्राओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए राज्यों से आग्रह किया

शिक्षा मंत्रालय छात्राओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए राज्यों से आग्रह किया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-22 14:01 GMT
छात्राओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए राज्यों से आग्रह किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को देश भर में छात्राओं के बीच सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और एचपीवी वैक्सीन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदाकरने का आग्रह किया है। इसके साथ ही किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए उनका टीकाकरण भी किया जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संयुक्त पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला है कि विश्व स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। भारत में, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है और भारत वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के बोझ का सबसे बड़ा हिस्सा है।

टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने किशोरियों के लिए वन टाइम कैच-अप के साथ एचपीवी वैक्सीन की शुरूआत करने की सिफारिश की है। मुख्य रूप से स्कूलों के माध्यम से यह टीकाकरण किया जाएगा। अभियान के दिन स्कूल नहीं जा पाने वाली लड़कियों को स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण किया जाएगा, जबकि स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिए सामुदायिक आउटरीच और मोबाइल टीमों के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा।

इसका जल्द पता चल जाए और प्रभावी ढंग से इसका प्रबंधन न किया जाए तो सर्वाइकल कैंसर एक रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी है। अधिकांश सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से जुड़े होते हैं। एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों की रोकथाम कर सकता है यदि वैक्सीन लड़कियों या महिलाओं को वायरस के संपर्क में आने से पहले दी जाती है। टीकाकरण के माध्यम से रोकथाम सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अपनाई गई वैश्विक रणनीति के मुख्य आधारों में से एक है।

यह उल्लेख किया गया है कि टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम में एचपीवी वैक्सीन की शुरूआत की सिफारिश की है, जिसमें 9-14 वर्ष की किशोरियों के लिए वन टाइम कैच-अप के साथ 9 वर्ष में नियमित टीकाकरण किया जाता है।

पत्र में, राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से अभियान को सफल बनाने के लिए टीकाकरण के लिए स्कूलों में एचपीवी टीकाकरण केन्द्रों का आयोजन करने का आग्रह किया गया है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को जिला टीकाकरण अधिकारी कासमर्थन करने और जिलाधिकारी के अधीन टीकाकरण पर जिला टास्क फोर्स (डीटीएफआई) के प्रयासों का हिस्सा बनने का निर्देश दिया गया है। जिले में सरकारी स्कूल और निजी स्कूल प्रबंधन बोर्ड के साथ समन्वय करने को भी कहा गया है।

(आईएएनएस)

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