एमसीडी ने पर्यावरण समिति को नहीं दिए गाजीपुर लैंडफिल और कूड़ा निस्तारण के दस्तावेज

दिल्ली सरकार एमसीडी ने पर्यावरण समिति को नहीं दिए गाजीपुर लैंडफिल और कूड़ा निस्तारण के दस्तावेज

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-13 13:00 GMT
एमसीडी ने पर्यावरण समिति को नहीं दिए गाजीपुर लैंडफिल और कूड़ा निस्तारण के दस्तावेज

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। भाजपा शासित ईस्ट एमसीडी पर दिल्ली सरकार ने गाजीपुर लैंडफिल साइट और कूड़ा निस्तारण के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि गाजीपुर पर कुतुबमीनार की लंबाई का 140 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा शासित नगर निगम जि़म्मेदार है। पिछले 15 सालों में नगर निगम ने कुछ भी नहीं किया, जिससे उस कूड़े के पहाड़ का निस्तारण हो सके।

दिल्ली विधानसभा पर्यावरण समिति का कहना है कि घोटाला उजागर न हो इसलिए एमसीडी ने कूड़ा निस्तारण से संबंधित टेंडर के कागजात दिल्ली विधानसभा कमेटी में जमा नहीं कराए। बुधवार को दिल्ली विधानसभा कमेटी ने फिर से ईस्ट एमसीडी को नोटिस भेजकर कूड़ा निस्तारण संबंधित सभी टेंडर के कागजात जल्द जमा कराने को कहा।

पर्यावरण समिति की चेयरमैन आतिशी का कहना है कि गाजीपुर लैंडफिल और कूड़े का निस्तारण करने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा दिए गए टेंडर के कागजात जमा कराने को कहा गया था, लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने ऐसा नहीं किया। हमने पूर्वी नगर निगम को एक मौका और दिया है ताकि वे जरूरी दस्तावेज दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति को उपलब्ध कराऐं।

दिल्ली सरकार का कहना है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने डि- सेंट्रेलाइज्ड री-साइक्लिंग प्लांट का टेंडर एक प्राइवेट कंपनी को दिया था, जिसका सारा पैसा एमसीडी के भ्रष्ट नेता हड़प गए। पर्यावरण समिति ने सवाल उठाया तो एमसीडी के पास कोई जवाब नहीं था। उल्टा पूर्वी दिल्ली के विधायकों से प्लांट के लिए पैसों की मांग की। दिल्ली सरकार से 1260 करोड़ का फंड और 1940 करोड़ का लोन लेने के बावजूद भाजपा के पास प्लांट के लिए पैसा नहीं है। उन्होने मांग की कि भाजपा जवाब दे कि 1260 करोड़ का फंड और 1940 करोड़ का लोन का पैसा कहां गया।

आम आदमी पार्टी ने कहा कि पिछले 15 सालों से दिल्ली के तीनों नगर निगमों में भाजपा की सरकार है। दिल्ली की साफ-सफाई और कूड़े का प्रबंधन नगर निगमों की मुख्य जि़म्मदारी है। यह एमसीडी एक्ट है और यह कूड़े के प्रबंधन को एमसीडी की मुख्य जि़म्मेदारी बताता है। भाजपा शासित नगर निगम ने 15 सालों के शासन में कूड़े का कितना अच्छा प्रबंधन किया है, उसका प्रमाण दिल्ली के तीन बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ हैं, जो दिल्ली में घुसते ही दिखाई देते हैं।

विधायक आतिशी ने कहा कि हम महीने भर से देख रहे हैं कि गाजीपुर में जो भाजपा ने कूड़े का पहाड़ खड़ा किया है, उसमें गर्मी के मौसम में अब हर हफ्ते आग लग रही है। पिछले 15 दिनों में वहां दो बड़ी आग लग चुकी हैं। जिसका नतीजा यह है कि पूर्वी दिल्ली के पूरे इलाके के लोगों के घरों में बहुत ही जहरीला धुआं पहुंचता है। जिसकी वजह से तरह-तरह की बीमारियां बच्चों, बुजुर्गों और जवानों को होती हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। वहां पर कुतुबमीनार की लंबाई का 140 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा जि़म्मेदार है। पिछले 15 सालों में भाजपा ने कुछ भी नहीं किया, जिससे उस कूड़े के पहाड़ का निस्तारण हो सके।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले गाजीपुर के इस कूड़े के पहाड़ पर आग लगने पर दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी के उप-अधिकारियों को यह जानने के लिए समन किया कि उस कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए उनकी क्या योजना है और वह क्या करेंगे। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उस पहाड़ पर और कूड़ा नहीं आ रहा है। एमसीडी के अधिकारियों ने समिति के सामने यह माना कि उस कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए न तो कोई योजना है, न पैसा है और शायद न ही योग्यता है कि वह उसे हटा सकें। आज हम पूछना चाहेंगे कि यह पैसा कहां गया?

विधायक आतिशी ने कहा कि यदि आप यह दस्तावेज देखेंगे, तो पता चलेगा कि जो पैसा दिल्ली सरकार ने ईस्ट को एमसीडी को 2014-2015 में जारी किया है। इसके बाद हर साल केजरीवाल सरकार एमसीडी को बढ़ाकर पैसा देती आ रही है। 2013-14 में कांग्रेस ने अपने शासन काल में 146 करोड़ दिए गए थे। 2014-15 में जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन था, तब भाजपा ने 163.55 करोड़ दिए गए थे। वहीं, दिल्ली सरकार ने 2018-19 तक उसको बढ़ाकर 1260 करोड़ कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार ने ईस्ट एमसीडी को बार-बार लोन भी दिया है। ईस्ट एमसीडी को 1940 करोड़ का लोन और उसका ब्याज दिल्ली सरकार को देना है। 1260 करोड़ का फंड और 1940 करोड़ का लोन, यह सारा पैसा कहां गया।

 

जीसीबी/एएनएम

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