ममता ने बंगाल से जुड़े प्रवासी श्रमिकों की लगातार रहस्यमय मौतों पर सवाल उठाया
पश्चिम बंगाल सियासत ममता ने बंगाल से जुड़े प्रवासी श्रमिकों की लगातार रहस्यमय मौतों पर सवाल उठाया
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। मिजोरम में पत्थर खदान ढहने से 12 मजदूरों में से पांच की मौत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के प्रवासी श्रमिकों की लगातार मौतों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों की तुलना करके देखें तो हाल के दिनों में विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे गए प्रवासी श्रमिकों में से अधिकांश पश्चिम बंगाल के थे। हो सकता है अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों की भी कहीं और मौतें हुई हों। लेकिन मरने वालों की संख्या सबसे अधिक उन लोगों की रही है, जो पश्चिम बंगाल से थे। मिजोरम, कश्मीर और मणिपुर का उदाहरण लीजिए। मुझे नहीं पता कि ये क्या हो रहा है।
हाल ही में मिजोरम में पत्थर की खदान ढहने से पश्चिम बंगाल के पांच मजदूरों की कथित तौर पर मौत हो गई थी, जिनमें से चार नदिया जिले के थे और एक उत्तर 24 परगना जिले के थे। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ पांच परिवारों में से प्रत्येक के एक सदस्य को राज्य सरकार की नौकरी का आश्वासन दिया। हालांकि, पश्चिम बंगाल से प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु की उच्च दर पर उनकी टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में लहर पैदा कर दी है। हाल ही में भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस जैसे राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों ने आजीविका कमाने के लिए पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के दूसरे राज्यों में जाने के मुख्य कारण के रूप में राज्य सरकार की नीतियों पर बार-बार हमला किया है।
विपक्षी दलों ने दावा किया कि चूंकि राज्य सरकार की नीतियां औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल नहीं हैं, इसलिए राज्य के श्रमिकों और दिमाग को अपनी आजीविका कमाने के लिए कहीं और जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि शायद मुख्यमंत्री ने महसूस किया कि मिजोरम त्रासदी के बाद विपक्ष द्वारा फिर से वही आलोचना की जा सकती है और इसलिए उन्होंने राज्य के लोगों की मौत पर अपनी चिंता व्यक्त करके उन रास्तों को सील करने की कोशिश की है।
(आईएएनएस)
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