उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार को बाईपास करके नई-नई जांच बिठा रहे हैं, यह गैरसंवैधानिक: मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार को बाईपास करके नई-नई जांच बिठा रहे हैं, यह गैरसंवैधानिक: मनीष सिसोदिया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-04 11:30 GMT
उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार को बाईपास करके नई-नई जांच बिठा रहे हैं, यह गैरसंवैधानिक: मनीष सिसोदिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में बकायदा उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखा है कि आप दिल्ली की चुनी हुई सरकार को बाईपास करके रोज हमारे काम काज पर नई-नई जांच बिठा रहे हैं। आपकी ये सभी जांच गैरकानूनी और गैरसंवैधानिक हैं। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति समेत अन्य कई फैसलों की जांच के आदेश हाल ही में दिए गए हैं।

दिल्ली सरकार व उपमुख्यमंत्री ने अपने एक आधिकारिक पत्र में उपराज्यपाल से कहा है, ये आदेश सिर्फ राजनीति से प्रेरित हैं ये इसी बात से साबित होता है कि आपके द्वारा अभी तक जितने भी जांच के आदेश दिए गये, किसी में कुछ नहीं निकला। तथाकथित शराब घोटाला, स्कूल घोटाला, बस खरीद घोटाले और ना जाने क्या क्या इस किस्म की फर्ज़ी जांचों से किसी का भला नहीं होता। सभी विभागों का समय बर्बाद होता है और सभी अधिकारियों का मनोबल टूटता है।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से कहा है, मैं आपके संज्ञान में संविधान में दिए गए आपके अधिकारों को पुन रेखांकित करना चाहता हूं। दिल्ली में जमीन, पुलिस, पब्लिक आर्डर और सर्विसेज के अलावा बाकी सभी मामलों में निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दिया गया है। इन चार विषयों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में काम करने, न करने, रोकने या जांच करने का अधिकार संविधान के अनुसार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास है। माननीय उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल पुलिस, पब्लिक आर्डर, जमीन के विषयों को छोड़ कर अन्य सभी विषयों पर पर चुनी हुई सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे।

मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से यह भी कहा कि चुनी हुई सरकार कि सहमति बिना आप इनमे से किसी भी विषय पर न तो कोई निर्णय ले सकते हैं, न ही रोक सकते हैं या जांच करा सकते हैं। उप मुख्यमंत्री का कहना है कि उपराज्यपाल को यदि किसी विषय पर जांच करवानी है तो उनको संबंधित मंत्री या मुख्यमंत्री को लिखना होगा। इन चार विषयों को छोड़कर अन्य किसी भी विषय उपराज्यपाल किसी भी अधिकारी को सीधे आदेश नहीं दे सकते।

दिल्ली सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देखने में आ रहा है कि रोजाना चुनी हुई सरकार के निर्णयों के विषय में मुख्य सचिव को आदेश पर आदेश दिए जा रहे हैं। आपके ये आदेश राजनीति से प्रेरित, गैर-कानूनी असंवैधानिक और माननीय उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा उपराज्यपाल के लिए निर्धारित कार्य-क्षेत्र से पूरी तरह से बाहर हैं।

उपराज्यपाल को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, चुनी हुई सरकार को पूरी तरह से बाहर कर आपके द्वारा इस प्रकार मनमर्जी से लिए गए इन निर्णयों का पालन संभव नहीं है। अत मुख्य सचिव को दिये गये ये आदेश वापिस लिए जायें। मेरा आग्रह है कि भविष्य में आप कृपया संविधान के अनुरूप कार्य करें।

 

 (आईएएनएस)

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