वरूण गांधी ने बढ़ती महंगाई पर अपनी ही सरकार पर साधा निशाना, महंगे हुए सिलेंडर को बताया सजावट का सामान

अपनी ही सरकार पर बरसे गांधी वरूण गांधी ने बढ़ती महंगाई पर अपनी ही सरकार पर साधा निशाना, महंगे हुए सिलेंडर को बताया सजावट का सामान

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-09 11:06 GMT
वरूण गांधी ने बढ़ती महंगाई पर अपनी ही सरकार पर साधा निशाना, महंगे हुए सिलेंडर को बताया सजावट का सामान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश में पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरूण गांधी ने मंहगाई को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया हैं। दरअसल सांसद गांधी देश में आए दिनों खाद्य पदार्थों से लेकर ईधन तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्होंने पेट्रोलियम प्रोडक्ट के दामों खासकर रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताते हुए अपनी ही बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।

मंहगाई से गरीबों पर पड़ती मार को लेकर सांसद गांधी ने अपने ट्वीट में केंद्र सरकार से सवाल करते हुए लिखा कि गरीब की रसोई फिर धूएं से भरने लगी है और गैस  सिलेण्डर सजावट की वस्तु मात्र बना हुआ है, रसोई गैस सिलेण्डर की पासबुक के पन्नों पर महीनों से कोई एंट्री नहीं कराई गई है, ये उन महिलाओं का दर्द है जिन्हें हमनें कभी "धुएं से आजाद" का सपना दिखाया था, यह वहीं महिलाएं जिन्होनें हम पर सबसे अधिक भरोसा जताया था । 

 

गरीब की जेब पर मंहगाई की मार
आपको बता दें कुछ साल पहले केंद्र की मोदी सरकार ने गरीब परिवारों की महिलाओं को रसोई घर में धुएं से बचने के लिए उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए थे। लेकिन आए दिन बढ़ते हुए गैस सिलेण्डर के दामों के चलते गरीब परिवार न तो नया गैस सिलेण्डर खरीद पा रहे हैं, ना ही भरवा पा रहे हैं।  

गाँधी ने अपने दूसरे ट्वीट में सिलेण्डर के दामों का जिक्र करते हुए लिखा है कि अब रसोई गैस सिलेण्डर 1050 रु का मिलेगा ।जब देश में मंहगाई अपने पूरे चरम पर है। तब भारतवासी देश में सबसे महंगी एल.पी. जी खरीद रहे हैं। कनेक्शन कॉस्ट 1450 रु से बढकर 2200 रू, सिक्योरिटी 2900 से बढ़ाकर 4400 रु यहाँ तक की रेगुलेटर तक 100 रु महंगा हो गया है। गरीब की रसोई धुएँ से भरने लगी है। 

आपको बता दें केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई अग्निपथ योजना पर जब देशभर के युवा सड़कों पर बवाल मचा रहे थे, तब भी गाँधी ने अपनी सरकार पर निशाना साधा था।  तब  वरूण ने अपने ट्वीट में  लिखा था , "अल्पाधिकार की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नहीं हैं। तो जनप्रतिनिधियों को ये "सहूलियत" क्यों? राष्ट्ररक्षकों  को पेंशन का अधिकार नहीं है तो मैं भी खुद की पेंशन को छोड़ने को तैयार हूं । क्या हम विधायक/ सांसद अपनी पेंशन को छोडं कर यह सुनिश्चित नहीं कर सकते की अग्निवीरों को पेंशन मिले?"
ये कोई पहली दफा नहीं हैं जब सांसद वरूण ने मोदी सरकार पर निशाना साधा हो, इससे पहले भी सांसद गांधी ने केंद्र सरकार पर कृषि कानून, गन्ना खरीददारी की बढ़ोत्तरी, एमएसपी,  जैसी कई योजनओं को लेकर सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। 

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