जब भाजपा नेताओं का घोटालों में नाम आता है तो न्यायाधीश अक्सर धूप का चश्मा पहनते हैं

राजनीति जब भाजपा नेताओं का घोटालों में नाम आता है तो न्यायाधीश अक्सर धूप का चश्मा पहनते हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-18 13:00 GMT
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डिजिटल डेस्क,कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने शनिवार को दावा किया कि घोटालों में भाजपा नेताओं का नाम आने पर न्यायाधीश अक्सर धूप-रोधी चश्मा पहन लेते हैं।पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रसन्ना रॉय के आवास से भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप घोष की संपत्ति के दस्तावेज बरामद होने के बाद यह टिप्पणी की। बरामद किया गया था, जिसे सीबीआई ने रॉय को शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।कुणाल घोष ने सवालों की बौछार करते हुए कहा, ऐसे मामले में दिलीप घोष को भी हिरासत में क्यों नहीं लिया जाना चाहिए और मामले की जांच की जानी चाहिए? अदालत अब चुप क्यों है? न्यायाधीश जांच एजेंसियों को अपराधियों को पकड़ने का निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं? ऐसे मामलों में? वे दिलीप घोष की गिरफ्तारी का निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं? प्रसन्ना रॉय के आवास से दिलीप के फ्लैट के दस्तावेज बरामद होने के बाद भी वे स्वतंत्र रूप से क्यों घूम रहे हैं? क्या जज भाजपा नेताओं का नाम सामने आते ही धूप-रोधी चश्मा पहन लेते हैं?

इस बीच, दिलीप घोष ने इस मामले पर स्पष्टीकरण जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि प्रसन्ना रॉय उस आवासीय परिसर के सचिव थे, जहां उन्होंने फ्लैट खरीदा था।दिलीप घोष ने स्पष्ट किया, चूंकि वह (रॉय) सचिव थे, मैंने उन्हें दस्तावेज की एक प्रति दी, ताकि बिजली मीटर मेरे नाम पर पंजीकृत हो सके। मैंने बैंक से कर्ज लेकर और अपनी मेहनत की कमाई से फ्लैट खरीदा। खरीद दस्तावेज की मूल प्रति अभी भी बैंक के पास है।यह पहली बार नहीं है, जब न्यायपालिका का एक वर्ग कुणाल घोष के तीखे हमले का शिकार हुआ है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय, जिनके आदेश ने केंद्रीय एजेंसियों को शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच करने के लिए प्रेरित किया, उनकी भी कुणाल घोष ने आलोचना की थी। न्यायाधीश ने था कहा कि एक राजनीतिक दल के रूप में तृणमूल कांग्रेस की मान्यता रद्द करने के लिए उन्हें चुनाव आयोग को लिखना पड़ सकता है।उस समय कुणाल घोष ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय को प्रेत गंगोपाध्याय नाम दिया था।

उसी अदालत के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की भी कुणाल घोष ने आलोचना की गई थी, जब न्यायाधीश ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को उनके खिलाफ दायर पिछली एफआईआर के संबंध में गिरफ्तारी और भविष्य की एफआईआर के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान की थी।कुणाल घोष ने उस समय कहा था कि विपक्ष के नेता को न्यायमूर्ति मंथा द्वारा दी गई सुरक्षा ने उन्हें हताश कर दिया।

 

 (आईएएनएस)

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