नौकरी और नियोजन नीति पर हंगामे में डूबी झारखंड विधानसभा, सदन के भीतर-बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी
झारखंड राजनीति नौकरी और नियोजन नीति पर हंगामे में डूबी झारखंड विधानसभा, सदन के भीतर-बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी
डिजिटल डेस्क, रांची। युवाओं को नौकरी और झारखंड सरकार की नियोजन नीति पर विधानसभा में तीसरे दिन भी जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी भाजपा के विधायकों ने इसे लेकर जहां सदन के अंदर-बाहर प्रदर्शन किया, वहीं सत्ताधारी दलों के विधायकों ने भाजपा को झारखंड विरोधी करार दिया। सदन के भीतर दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के मुख्य द्वार पर विपक्ष के विधायकों ने तख्तियां लेकर धरना- प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने रोजगार छीनने वाली सरकार होश में आओ, फर्जी नियोजन नीति बनाने वाली सरकार शर्म करो जैसे नारे लगाए।
इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर के बार-बार के आग्रह के बावजूद भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही, अमित मंडल, बिरंची नारायण, रणधीर सिंह एवं अन्य लगातार नारे लगाते रहे। हंगामे के बीच भानु प्रताप शाही ने कहा कि हमलोग सदन में सड़क-नाली पर चर्चा के लिए नहीं आए हैं। युवा सड़क पर हैं। सरकार बताए कि राज्य में कौन सी नियोजन नीति लागू है? उन्होंने मांग किया कि सदन में नियोजन नीति पर चर्चा हो। उन्होंने आरोप लगाया कि विधि विभाग की आपत्ति के बाद भी जानबूझकर ऐसी नीति बनाई जा रही है, जिससे नौकरियों की परीक्षाएं रद्द हो रही हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा के लोग हंगामा कर रहे हैं, जबकि पूर्व में इनकी सरकार की ओर से बनाई गई गई दो-दो नियोजन नीतियां रद्द हो चुकी हैं। ये लोग युवाओं का भविष्य सिर्फ झारखंड में ही नहीं पूरे देश मे बर्बाद कर चुके हैं। ये लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि नियुक्ति नीति के खिलाफ कोर्ट जाने वाला पिटीशनर रमेश हांसदा भाजपा का सदस्य है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग झारखंड के युवाओं का हित नहीं देखना चाहते हैं। ये लोग सिर्फ राजनीति करते हैं।
(आईएएनएस)
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