क्या सिद्धू का नजरअंदाज कर रही है कांग्रेस हाईकमान?

पंजाब विधानसभा चुनाव क्या सिद्धू का नजरअंदाज कर रही है कांग्रेस हाईकमान?

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-12 07:35 GMT
क्या सिद्धू का नजरअंदाज कर रही है कांग्रेस हाईकमान?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में अभी भी कलह जारी है। राज्य के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बावजूद भी पार्टी की आतंरिक मसले सुलझने का नाम नहीं ले रहे। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आय दिन अपने भाषणों और बयानों से यह बात सिद्ध कर रहे है। हाल ही में सिद्धू ने बाबा बकाला में एक रैली में पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा है, "मैं एक शक्तिहीन अध्यक्ष हूं। मैं महासचिवों की नियुक्ति भी नहीं कर पा रहा।"

इस बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पर काटने शुरू कर दिए हैं। 

रैली के दौरान सिद्धू ने शिरोमणी अकाली दल के नेता सुखबीर बादल और बिक्रम मजीठिया पर भी निशाना साधा और उन पर पंजाब का निजी फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सिद्धू ने कहा, "अगर मैं गृह मंत्री होता तो मैं उन्हें गिरफ्तार कर लेता है। दोनों को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर देता।"

पार्टी ने सिद्धू की 22 जिला अध्यक्षों की लिस्ट खारिज की 

पार्टी हाईकमान ने सिद्धू को हाल ही में पेश की गई 22 जिला अध्यक्षों की लिस्ट को खारिज कर बड़ा झटका दिया था। सिद्धू चाहते थे कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की ओर से नियुक्त 22 जिला अध्यक्षों को हटाया जाए और उनकी सौंपी लिस्ट के लोगों को नियुक्त किया जाए। हालांकि, पार्टी ने नए 22 जिला अध्यक्षों की लिस्ट जारी की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उनकी सलाह के बिना पार्टी ने ये फैसला किया है। 

आपको बता दे पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने मंगलवार को लिस्ट जारी की थी और जिला अध्यक्षों को वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ तालमेल बनाकर  तुरंत काम शुरू करने को कहा था। सूत्रों की माने तो सिद्धू ने जिस तरह से पुराने जिला अध्यक्षों को हटाया था, उससे सुनील जाखड़ खुश नहीं थे। 

जाखड़ ने इस मुद्दे को पार्टी हाईकमान के सामने भी उठाया था। सूत्रों के मुताबिक जाखड़ ने राहुल गांधी को बताया था कि सिद्धू के मनमाने फैसलों से पार्टी के नेताओं में नाराजगी है।

जाखड़ ने अपनी नाराजगी को एक ट्वीट कर भी जाहिर किया था, जिसमे उन्होंने लिखा था, "तुम्हारा बंदर, तुम्हारा सर्कस। मैं इस कहावत को मानता है। दूसरों के शो में मैं न ही सुझाव देता हूं और न ही दखल देता हूं।"
 

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