भारत में जन्मे कनाडा के सांसद ने मिसिसॉगा में मंदिर को नुकसान पहुंचाने की आलोचना की
राजनीति भारत में जन्मे कनाडा के सांसद ने मिसिसॉगा में मंदिर को नुकसान पहुंचाने की आलोचना की
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। भारत में जन्मे कनाडा के सांसद चंद्र आर्य ने शुक्रवार को मिसिसॉगा में राम मंदिर के स्वरूप को बिगाड़ने की निंदा की और अधिकारियों से हिंदू विरोधी और भारत विरोधी समूहों की गतिविधियों को गंभीरता से देखने और कार्रवाई करने को कहा।
उन्होंने कहा, यह दर्द और पीड़ा की बात है कि एक हिंदू मंदिर घृणा अपराध का नवीनतम लक्ष्य बन गया है। संसद में बोलते हुए आर्य ने कहा, हाल के दिनों में पूरे कनाडा में अन्य हिंदू मंदिरों को हिंदू विरोधी और भारत विरोधी समूहों द्वारा घृणा अपराधों का निशाना बनाया गया है। सांसद द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए बयान के अनुसार, इन समूहों ने पहले सोशल मीडिया पर हिंदू-कनाडाई लोगों को निशाना बनाया और हिंदूफोबिया की प्रवृत्ति शुरू की। अब वे हिंदू मंदिरों पर हमले करने लगे हैं।
ऐसी खबरें हैं कि हिंदू-कनाडाई को भी निशाना बनाया जा रहा है। जैसा कि मैंने पहले कहा है, कनाडा को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और बढ़ते हिंदूफोबिया को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, कनाडाई के रूप में, हम अपने कई अलग-अलग धार्मिक विश्वासों और विरासत को शांतिपूर्वक पालन करते हैं, मनाते हैं और साझा करते हैं और हम सभी ऐसा करने का संकल्प लेते हैं। आर्य ने ट्विटर पर अपने भाषण का एक वीडियो भी अपलोड किया।
दो दिन पहले खालिस्तानी तत्वों द्वारा राम मंदिर के स्वरूप को बिगाड़ने के साथ मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी भित्तिचित्र लिखे गए थे। भारतीय मिशन ने इस घटना की निंदा की और कनाडा के अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने मंदिर के अपमान की निंदा करते हुए कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिरों में बार-बार की जा रही तोड़फोड़ बंद होनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, किसी को भी, उनकी आस्था या जातीयता से कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरे विचार मिसिसॉगा में राम मंदिर और हिंदू समुदायों के साथ हैं। ब्रैम्पटन से सांसद रूबी सहोता ने एक ट्वीट में कहा, पील में जब किसी समुदाय को घृणित कृत्यों का सामना करना पड़ता है, तो यह हमेशा एक गंभीर निराशा होती है। कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने कहा, धर्म की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र का एक मौलिक सिद्धांत है।
स्थानीय कानून प्रवर्तन, पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) ने इस घटना को घृणा से प्रेरित अपराध के रूप में वर्णित किया है। एक बयान में इसने कहा, हम पील के हिंदू समुदाय और सभी पृष्ठभूमि और धर्मों के निवासियों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि पील क्षेत्रीय पुलिस को नफरत के लिए कोई सहनशीलता नहीं है और इस कृत्य की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
(आईएएनएस)।
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