उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर साधा मोदी सरकार पर निशाना, बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की तरह 'राक्षसी मशीन' से दूर रहने की दी सलाह
ईवीएम पर खींचतान उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर साधा मोदी सरकार पर निशाना, बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की तरह 'राक्षसी मशीन' से दूर रहने की दी सलाह
डिजिटल डेस्क, मुबंई। उद्धव गुट की शिवसेना ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर "सामना" के जरिए ईवीएम को लेकर सवाल उठाए हैं और निशाना साधते हुए लिखा है कि, अगर भाजपा में दम है तो वो पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार की तरह आगामी चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से करा के दिखाएं।
दरअसल, "सामना" उद्धव गुट शिवसेना का मुख्यपत्र है, जिसके माध्यम से वो सरकार और तमाम नेताओं के ऊपर लेख छापती रहती है। इसी कड़ी में एक बार फिर मोदी सरकार पर ईवीएम को लेकर हमला बोला है और चुनौती देते हुए कहा कि मर्द हो तो ईवीएम छोड़ बैलेट पेपर से चुनाव करा कर दिखाओ, तब पता लगेगा कि चुनाव में कौन किस पर भारी पड़ता है।
शेख हसीना की तारीफ
दरअसल, मोदी सरकार पर विपक्ष के तमाम नेता ईवीएम को लेकर सवाल उठाते रहे हैं और उनका हर बार कहना रहता है कि वोटिंग मशीन को हैक करके बीजेपी चुनावों में जीतती आ रही है। कभी उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ हिंदुत्व का झंडा बुलंद करते थे लेकिन आज उनका मोह भंग हो गया है और अपने पुराने साथी पर "सामना" के जरिए गंभीर आरोप लगाया है। मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए "सामना" में बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार की जमकर तारीफ भी की गई है।
"सामना" से साधा बीजेपी पर निशाना
"सामना" के संपादकीय में मौजूदा बीजेपी की केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा गया है कि, भारत में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है। बीजेपी की सरकार धीरे-धीरे लोकतंत्र का गला घोट रही है, जिसकी वजह से डेमोक्रेसी खतरे में है। जिसको बचाने के लिए विपक्ष रोज सड़कों पर उतर रहा है। लेकिन लोकतंत्र के नाम पर जारी तानाशाही की गाड़ी तेजी से दौड़ रही है। समाना के जरिए मोदी सरकार को ईवीएम के मुद्दे पर घेरते हुए लिखा गया है कि, जोर जबरदस्ती से चुनाव जीतकर आते हैं और कुर्सी से चिपकर बैठ जाते हैं, जिसका परिणाम हमें तनाशाही के रूप में देखने को मिल रहा है। बीजेपी का चुनाव जीतने का एक ही कारण है वो है ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन। बीजेपी बोलती है कि इस मशीन को हैक नहीं किया जा सकता है लेकिन वो ऐसा करती है। इनकी लोकप्रियता और विजय का रहस्य ईवीएम है। इस पद्धति को बंद करके तुरंत बैलेट पेपर से चुनाव कराने चाहिए।
बैलेट पेपर से हो चुनाव
संपादकीय में लोकतंत्र का जिक्र करते हुए आगे लिखा गया है कि, विपक्ष लोकतंत्र को बचाने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहा है। करीब सात सालों से विपक्षी दल ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहे हैं। ईवीएम के चुनाव प्रणाली पर विपक्ष और देश की जनता को विश्वास नहीं है लेकिन भारत के चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति ने ईवीएम को बंद करने की मांग ठुकरा दी। दुनियाभर में इसे बैन कर दिया गया है। लेकिन भारत और बांग्लादेश में अब भी चल रहा है लेकिन वहां (बांग्लादेश) भी ईवीएम को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन इसी कड़ी हसीना सरकार ने ईवीएम को छोड़ बैलेट से वोट कराने का निर्णय लिया है, जो काबिले तारीफ है।
ईवीएम राक्षसी मशीन- समाना
समाना में बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार की जमकर तारीफ की गई है। लिखा गया कि, वहां विपक्षी दलों की बात सुनी जाती है कभी वो हमारा ही था। लेकिन आज उसने भी बड़ा परिवर्तन करके (चुनाव आयोग) बैलेट से चुनाव कराने का फैसला कर लिया है, शेख हसीना की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। उद्धव गुट की शिवसेना ने बीजेपी पर हमला करते हुए लिखा, ईवीएम में गड़बड़ी है और घोटाला हो सकता है। बांग्लादेश ने जो हिम्मत दिखाई वह बीजेपी दिखाए। तब वे असली मर्द कहलाएगी। ईवीएम को राक्षसी बताते हुए आगे लिखा "सारे विपक्ष इसके खिलाफ और एकजुट हैं। बीजेपी को जीत दिलाने वाली राक्षसी मशीन को अब हमेशा के लिए बंद हो जाने दो! बांग्लादेश का अभिनंदन!"