दिल्ली के सीएम केजरीवाल को उपराज्यपाल ने लिखा लेटर, गांधी जयंती पर राजघाट नहीं पंहुचने पर जताई नाराजगी
दिल्ली दिल्ली के सीएम केजरीवाल को उपराज्यपाल ने लिखा लेटर, गांधी जयंती पर राजघाट नहीं पंहुचने पर जताई नाराजगी
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन पर राजघाट और विजय घाट नहीं पहुंचने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को इस मामले में लेटर लिखा है। उपराज्यपाल ने सीएम के राजघाट और विजय घाट ने पंहुचने को लेकर सवाल उठाए और कहा कि कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। वहीं दिल्ली के सीएम,डिप्टी सीएम या किसी मंत्री की ओर से राष्ट्रपति की अगुवाई नहीं किए जाने को लेकर उनके अपमान की बात कही।
एलजी ने सीएम को 5 पन्नों का एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आए लेकिन कुछ देर में ही चले गए। उपराज्यपाल ने अपने लेटर में 10 पॉइंट लिखे लिखे है इस लेटर में उन्होंने लिखा कि तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। यही नही आगे लिखा कि सिर्फ अखबारों में विज्ञापन जारी कर देना काफी नहीं होता है।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के सीएम को लिखे गए लेटर में कई बातें लिखी है उन्होंने लिखा ""बहुत दुख और निराशा के साथ मैं आपके संज्ञान में आपके और आपकी सरकार की ओर से कल गांधी जयंती और भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की सालगिरह पर आयोजित समारोह की उपेक्षा की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं। मैं यह बताने को विवश हूं कि ना तो आप और ना ही आपके कोई मंत्री राजघाट या विजय घाट पर मौजूद थे, जबकि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर, सभी दलों के नेता, विदेशी दूत और आम लोग बापू और शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बेमन से कुछ मिनटों तक मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने इसे वहां रुकने लायक नहीं समझा।""
एलजी ने आगे अपने लेटर में लिखा की सीएम और डिप्टी सीएम से अप्रूवल के बाद ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था। वही एलजी ने उपमुख्यमंत्री को लेकर कई बातें लिखते हुए उन पर भी आरोप लगाए है और राष्ट्रपति के अपमान की बात भी कही उन्होंने लिखा कि ""आप कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे और उपमुख्यमंत्री आए लेकिन राष्ट्रपति का इतंजार किए बिना चले गए। यह ना सिर्फ अनुचित है, बल्कि पहली नजर में यह प्रोटोकॉल का जानबूझकर उल्लंघन और राष्ट्रपति का अपमान है।""