मैं अब रेस से बाहर हूं, जानिए भास्कर हिंदी से खास बातचीत में गोविंद सिंह ने ऐसा क्यों कहा?

भास्कर हिंदी एक्सक्लूसिव मैं अब रेस से बाहर हूं, जानिए भास्कर हिंदी से खास बातचीत में गोविंद सिंह ने ऐसा क्यों कहा?

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-16 10:11 GMT
मैं अब रेस से बाहर हूं, जानिए भास्कर हिंदी से खास बातचीत में गोविंद सिंह ने ऐसा क्यों कहा?
हाईलाइट
  • सिंधिया के वर्चस्व को कम करना कांग्रेस की पहली रणनीति

डिजिटल डेस्क, भोपाल। एक समय था जब मध्यप्रदेश की कांग्रेस राजनीति में चंबल ग्वालियर इलाके से सिंधिया परिवार का बोलबाला था लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से बीजेपी में चले जाने से यह सूबा कांग्रेस में शून्य जैसा खालीपन फील कर रहा है। मध्यप्रदेश की कांग्रेस राजनीति का भार इस समय कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के ऊपर है।

कुछ दिनों से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद की कमान संभालने वाले कमलनाथ कोई एक पद छोड़ सकते हैं। हाल ही में कांग्रेस हाईकमान की ओर से प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर बनी सुर्खियों ने ये साफ कर दिया कि संभावित कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष  का पद सूबे के किस इलाके की झोली में डालेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस इस पद को ग्वालियर चंबल इलाके के पाले में डाल सकती है।  इस इलाके से कांग्रेस में एक बड़ा चेहरा घोषित कर पार्टी सिंधिया के वर्चस्व को कम करना चाहती है। ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में उसका फायदा कांग्रेस को मिल सके। 

ग्वालियर चंबल इलाके की बात की जाए तो यहां तीन चेहरे अहम माने जाते है। डॉ गोविंद सिंह, रामनिवास रावत और फूल सिंह बरैया। इन तीनों नामों में से रामनिवास रावत पहले से ही प्रदेश में कार्यकारी अध्यक्ष  है। ऐसे में दो नाम  डॉ गोविंद सिंह और फूल सिंह बरैया इस क्षेत्र में कांग्रेस के दो अहम और वरिष्ठ नेताओं की लिस्ट में शुमार है। 

डॉ. गोविंद सिंह से इस संबंध में भास्कर हिंदी संवाददाता आनंद जोनवार ने बात की तो उन्होंने इन सभी चर्चाओं को सिरे से खारिज दिया था। वहीं संवाददाता ने जब उनसे प्रदेश अध्यक्ष बनने को लेकर पूछा तो शुरूआत में उन्होंने आनाकानी की बाद में उन्होंने इसे पार्टी के ऊपर छोड़ दिया कहा पार्टी जिम्मेदारी देती है तो उसे जिम्मेदारी से निभाएंगे। आगे  विधायक ने उम्र का हवाला देते हुए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ से खुद को बाहर बताया।  

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