भाजपा को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने सत्ता और संगठन में सामंजस्य

मध्य प्रदेश भाजपा को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने सत्ता और संगठन में सामंजस्य

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-07 11:01 GMT
भाजपा को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने सत्ता और संगठन में सामंजस्य
हाईलाइट
  • 11 फरवरी से समर्पण निधि संग्रह का काम शुरू

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा खुद कसे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जाने वाले प्रयास में संगठन और सत्ता में सामंजस्य बनाया जा रहा है। यही कारण है कि इस अभियान में संगठन और सत्ता से जुड़े लेागों को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गई है।

राज्य की भाजपा इकाई आगामी 11 फरवरी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि से समर्पण निधि संग्रह का काम शुरू कर रही है। जानकारों की मानें तो पार्टी ने इस अभियान के जरिए 150 करोड़ रुपये की राशि के संग्रहण की रणनीति बनाई है। इस अभियान का बड़ा मकसद प्रदेश के संगठन को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है। पार्टी ने समर्पण निधि संग्रह के लिए सत्ता और संगठन में मजबूती से काम करने वालों केा जिम्मेदारी सौंपी है। इस अभियान के लिए जिन लोगों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें एक तरफ जहां सरकार के प्रमुख प्रतिनिधि है तो वहीं प्रभावशाली विधायक और संगठन के प्रतिनिधि है।

पार्टी ने इस अभियान के लिए जिन नेताओं को जिलों का प्रभार सौंपा है, उनमें सरकार के प्रमुख चेहरे के तौर पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा, भूपेंद्र सिंह, ओम प्रकाश सखलेचा, विश्वास सारंग, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हैं। इसके साथ ही संगठन के मामले में सक्षम पूर्व मंत्री जयंत मलैया, उमाशंकर गुप्ता, राजेन्द्र शुक्ल, संजय पाठक के अलावा सांसद सुधीर गुप्ता, शंकर लालवानी, विधायक चेतन कश्यप , रमेश मेंदोला, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, हेमन्त खण्डेलवाल एवं योगेश मेहता को संगठन ने इस अभियान से जोड़ा है।

भाजपा की इस मुहिम पर कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के के मिश्रा ने इसे डकैती की संज्ञा करार देते हुए कहा कि एक दौर था कि इस पार्टी को चुनाव के दौरान चना-परमल खाने के लिए पैसे नहीं मिलते थे और आज कथित तौर पर सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने के बाद सबसे ज्यादा काला धन इकट्ठा करने वाली पार्टी भी यही है। पूरे देश में जो आंकड़े आए हैं वह बताते हैं कि भाजपा ने सबसे ज्यादा धन वसूली की है। एक तरफ प्रधानमंत्री काले धन के खिलाफ हैं और जो चंदा वसूली की जा रही है वह सफेद तो हो ही नहीं सकता। यह वसूली एक तरह से सत्ता के बल पर डकैती है।

 

(आईएएनएस)

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