गुलाम नबी आजाद ने ठुकराया कांग्रेस का ऑफर, अब विकार रसूल वानी होंगे जम्मू-कश्मीर कैंपेन के अध्यक्ष
कांग्रेस अंतर्कलह गुलाम नबी आजाद ने ठुकराया कांग्रेस का ऑफर, अब विकार रसूल वानी होंगे जम्मू-कश्मीर कैंपेन के अध्यक्ष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला जम्मू कश्मीर की सियासत को लेकर है, जहां पार्टी के शीर्ष दर्जे के नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, कांग्रेस ने मंगलवार को गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने अध्यक्ष बनाए जाने के 2 घंटे बाद ही इस पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, इस्तीफा देने की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
सूत्रों के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद पार्टी से इसलिए नाराज है क्योंकि सिफारिशों को नजर अंदाज किया जा रहा है। यही कारण है, जो वह किसी भी नई जिम्मेदारी से मुकरते हुए नजर आ रहे हैं। उधर, इस मामले पर कांग्रेस का कहना है कि आजाद ने खराब स्वास्थ्य के चलते से कैंपेन समिति के अध्यक्ष का पद संभालने से इनकार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आजाद ने अध्यक्ष पद छोड़ने की जिम्मेदारी पार्टी आलाकमान को दे दी है। इससे पहले आजाद ने इस जिम्मेदारी के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद दिया है। गुलाम नबी आजाद उस पार्टी के अलावा जी 23 समूह का भी हिस्सा हैं जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की वकालत करती है। उन तमाम गतिविधियों के बीच इस इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस से उनके संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि गुलाम नबी आजाद को इस साल केंद्र की ओर से पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है।
विकार रसूल वानी को सौंपी गई ये जिम्मेदारी
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद अब ये जिम्मेदारी विकार रसूल वानी को सौंपी गई है। इससे पहले अहमद मीर प्रदेश अध्यक्ष थे। 47 वर्षीय वानी गुलाम नबी आजाद के करीबी है। बानिहाल से विधायक रह चुके विकार रसूल वानी, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने विधायक पवन काजल को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया है। अब चंद्र कुमार नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे।
आपको बता दें, यह पहली बार नहीं है, जब गुलाम नबी आजाद अपनी पार्टी के किसी फैसले की खिलाफत करते हुए नजर आए हैं। इससे पहले भी कांग्रेस के कुछ निर्णयों और लगातार घटते जनाधार से नाराज आजाद ने अपने घर पर कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 गुट की डिनर मीटिंग बुलाई थी, जिसके बाद से पार्टी में नेतृत्व को लेकर विद्रोह की अटकलें शुरू हो गई थीं। हालांकि, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया सहित प्रियंका और राहुल गांधी भी अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके है, लेकिन पार्टी ने इसे ठुकरा दिया था। जी-23 गुट लोकसभा चुनाव के लिए भरोसेमंद विकल्प पेश करने की बात कर रहा था।