जलपाईगुड़ी में बाढ़: कई लोगों के लापता होने के कारण राजनीतिक कीचड़ उछालना शुरू
पश्चिम बंगाल जलपाईगुड़ी में बाढ़: कई लोगों के लापता होने के कारण राजनीतिक कीचड़ उछालना शुरू
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में अचानक आई बाढ़ में लापता लोगों की सही संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में गुरुवार को राज्य में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया।
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मालबाजार में मल नदी में अचानक आई बाढ़ से आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हो गए। यह हादसा बुधवार को हुआ, जब विजया दशमी पर देर रात दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए हजारों लोग जमा हुए थे।
मामले में दो वजहों से सियासी बहस शुरु हो गई है, पहला यह है कि दुर्घटना के बाद अभी भी लापता व्यक्तियों का सही-सही आंकड़ा पता नहीं चल पाया है और दूसरा इस हादसे के पीछे प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। प्रशासन सतर्क रहता तो शायद इतने बड़े हादसे से बचा जा सकता था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि इतने घंटे बीत जाने के बाद भी लापता व्यक्तियों के विवरण और संख्या पर कोई स्पष्टता नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए अधिकारी ने कहा कि उनका काम मृतकों और घायलों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा करने तक ही खत्म नहीं हो जाता। अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री को जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन को लापता लोगों की संख्या के बारे में तुरंत स्पष्ट करने का निर्देश देना चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि, मुख्यमंत्री को तुरंत मौके का दौरा करने और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के चेक सौंपने चाहिए, जैसा कि उन्होंने इस साल मार्च में बीरभूम जिले के बोगटुई गांव में दस लोगों की हत्या के बाद किया था। मल नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद मारे गए लोग मूर्ति विसर्जन की रस्म में भाग ले रहे थे। क्या यही कारण है कि उनका महत्व कम है।
राज्य के उत्तर बंगाल विकास मंत्री, उदयन गुहा ने जवाबी हमला किया और दावा किया कि हादसों पर राजनीति करना हमेशा से अधिकारी और अन्य भाजपा नेताओं की संस्कृति रही है। वह घटना को लेकर गंदी राजनीति का सहारा ले रहे हैं। प्रशासन इस बात की पूरी कोशिश कर रहा है कि वह पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद करे। प्रशासन भी लापता व्यक्तियों का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों में मानवता की कमी है।
इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई है। केंद्र और राज्य दोनों ने मृतकों के परिवारों के लिए 2,00,000 रुपये और घायलों के परिवारों के लिए 50,000 रुपये की घोषणा की है।
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