सचिन पायलट के अनशन में नहीं दिखा कांग्रेस पार्टी का झंडा और चिन्ह, नई पार्टी बनाने की है तैयारी, कांग्रेस-बीजेपी को कितना होगा नुकसान

पायलट ने पकड़ी नई राह सचिन पायलट के अनशन में नहीं दिखा कांग्रेस पार्टी का झंडा और चिन्ह, नई पार्टी बनाने की है तैयारी, कांग्रेस-बीजेपी को कितना होगा नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-12 03:56 GMT
सचिन पायलट के अनशन में नहीं दिखा कांग्रेस पार्टी का झंडा और चिन्ह, नई पार्टी बनाने की है तैयारी, कांग्रेस-बीजेपी को कितना होगा नुकसान

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में तकरार बढ़ गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ जयपुर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर बीते दिन यानी मंगलवार को अनशन पर बैठे थे। हालांकि, इनके अनशन पर बैठने को लेकर प्रदेश कांग्रेस समेत हाई कमान ने भी नाराजगी जताई थी और आपस में विवाद सुलझाने का सुझाव भी दिया था। लेकिन इन सबसे इतर अब सवाल उठ रहे हैं कि, क्या पायलट कांग्रेस को अलविदा कहने वाले हैं? 

दरअसल, यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि, सचिन पायलट अनशन पर बैठे थे लेकिन उनके धरना प्रदर्शन में किसी भी प्रकार की कोई भी कांग्रेस पार्टी की चिन्ह नहीं थी, न ही पार्टी का झंडा। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो , सचिन पायलट ने पार्टी हाई कमान, खास करके सीएम गहलोत को एक संदेश देने की कोशिश की है कि, अगर मेरी बातों को नजरअंदाज किया जाता है तो आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को मुझसे लड़ना पड़ सकता है।

भ्रष्टाचार पर गहलोत सरकार का घेराव

सचिन पायलट गहलोत सरकार के खिलाफ हमेशा से ही बोलते रहे हैं। लेकिन इस बार पायलट ने अपनी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा है। 9 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सचिन पायलट ने गहलोत सरकार से मांग की थी कि बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में जो 45 हजार करोड़ का "खान घोटाला" हुआ उसकी जांच कराई जाए नहीं तो मैं 11 अप्रैल को जयपुर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर अनशन पर बैठूगा। पायलट के इस बयान पर कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि, सचिन का यह कदम पार्टी के हित में नहीं है। लेकिन सचिन पायलट ने कल गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन किया। जिसके बाद से ही एक सवाल उठने लगे हैं कि, क्या सचिन प्रदेश में अपनी नई पार्टी बनाने की राह पर तो नहीं निकल पड़े हैं।

अनशन में नहीं दिखा पार्टी का चिन्ह

यह सवाल उठने का कारण है उनकी अनशन में लगी कुछ तस्वीरें। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने अनशन में किसी भी तरह का पार्टी चिन्ह या झंडे का उपयोग नहीं किया था। वहीं पायलट के अनशन में उनके समर्थकों को छोड़ कोई भी कांग्रेसी नेता नहीं देखा गया, जो उन्हें सपोर्ट करने आया हो। बता दें कि, पायलट के मंच के पीछे एक बड़ा सा बैनर था। जिस पर केवल महात्मा गांधी की तस्वीर लगी हुई थी। इसके अलावा मंच पर दो छोटी सी तस्वीरें भी मौजूद रही। जिनमें एक महात्मा गांधी की तस्वीर और दूसरी ज्योतिबा फुले की थी।

सचिन पायलट बनाएंगे नई पार्टी?

सचिन पायलट के धरना प्रदर्शन में लगाए गए इस तस्वीर से ही सवाल उठ रहे हैं कि, सचिन कांग्रेस छोड़ बीजेपी या अपनी नई पार्टी बनाने की राह पर तो नहीं निकल पड़े हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, उनका कहना हैं कि सचिन पायलट आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए फैसला ले सकते हैं क्योंकि अगर अब कोई वो बड़ा कदम नहीं उठाते हैं तो उनकी राजनीतिक करियर खत्म होने की उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस से इतनी बागावत करने के बाद उन्हें पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं देना चाहेगी।
 
पायलट से बीजेपी-कांग्रेस को कितना नुकसान?

विश्लेषकों का मानना हैं कि, जिस तरह वह बीजेपी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रहे हैं वैसे तो नहीं लगता कि वो भाजपा का रूख करने वाले हैं। लेकिन अधिक संभावना है कि वो अपनी नई पार्टी बनाने का एलान जल्द कर दें। हालांकि, राजनीतिक में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि यहां कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं चलता है। अगर पायलट नई पार्टी बनाते हैं तो कांग्रेस को आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगताना पड़ सकता हैं क्योंकि सचिन पायलट की पकड़ जाट समुदायों में अच्छी खासी मानी जाती है और वो नई पार्टी बनाते हैं तो जाहिर तौर पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों के वोट शेयर में सेंध मारी कर सकते हैं।


  


 

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