उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में नगर निगम चुनाव के बदले समीकरण

दिल्ली एमसीडी चुनाव उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में नगर निगम चुनाव के बदले समीकरण

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-28 08:00 GMT
उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में नगर निगम चुनाव के बदले समीकरण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर सर्वाधिक वार्डो वाला क्षेत्र उत्तरी दिल्ली है। यह पंजाबी बाहुल्य तो है ही इसके अलावा यहां बाहरी लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। उत्तरी दिल्ली में लगभग 104 वार्ड हैं। 2017 में निगम चुनाव में सर्वाधिक सीटें उत्तरी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को ही मिली थी। दूसरा नंबर आम आदमी पार्टी का था। तीनों एमसीडी एक होने और परिसीमन होने के बाद यह पहला चुनाव है। इस वजह से उत्तरी दिल्ली में भी निगम चुनाव में चुनावी समीकरण पहले से कुछ अलग है।

उत्तरी दिल्ली में 6 जोन- रोहिणी, सिविल लाइंस, करोल बाग, सिटी एसपी, केशवपुरम, नरेला को मिलाकर लगभग 104 वार्ड उत्तरी दिल्ली में हैं। उत्तरी दिल्ली क्षेत्र नगर निगम का दक्षिण दिल्ली के बाद दूसरा बड़ा क्षेत्र है। उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में अगर आबादी की बात की जाए तो यहां पंजाबी आबादी सर्वाधिक है। पंजाबियों के अलावा दिल्ली से बाहर के लोग भी यहां पर निवास करते हैं। पिछले नगर निगम चुनाव में भाजपा ने यहां से 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी, पिछले नगर निगम चुनाव में उत्तरी दिल्ली से आम आदमी पार्टी को 21 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस पार्टी को 16 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन इस बार चुनावी समीकरण कहते हैं कि फिर दोबारा इस बार उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की सीटें ज्यादा से ज्यादा संख्या में आने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के पुराने प्रत्याशियों के जीतने की भी उम्मीद जताई जा रही है।

उत्तरी दिल्ली कि उत्तम नगर विधानसभा में वार्ड नंबर 114 नवादा मतदाताओं की संख्या के हिसाब से पूरी दिल्ली में सबसे बड़ा वार्ड है। नवादा वार्ड में कुल 98734 वोटर हैं। उत्तम नगर विधानसभा के चारों वार्ड मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नवादा, बिंदापुर पंजाबी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ-साथ बाहरी लोग भी यहां पर निवास करते हैं। नवादा वार्ड में भारतीय जनता पार्टी की रिंकू गहलोत का मुकाबला आम आदमी पार्टी की निर्मला शर्मा से बताया जा रहा है। वहीं इस वार्ड में कांग्रेस की सरला चौधरी भी थोड़ी बहुत फाइट में मानी जा रही हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली की तीनों एमसीडी एक होने के बाद और परिसीमन होने के बाद चुनाव हो रहे हैं तो इसका असर हर वार्ड पर कुछ ना कुछ चुनावी समीकरणों पर जरूर पड़ा है। अब यह तो आने वाली 7 दिसंबर के चुनावी परिणाम ही बताएंगे कि उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में नगर निगम की गेंद किस राजनीतिक दल के पाले में गिरती है।

 

(आईएएनएस)

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