ईडी के निशाने पर गिरफ्तार कारोबारी की क्रॉस-होल्डिंग वाली कंपनियां

कोयला घोटाला ईडी के निशाने पर गिरफ्तार कारोबारी की क्रॉस-होल्डिंग वाली कंपनियां

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-09 12:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। गजराज टावर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विक्रम सिकारिया की क्रॉस होल्डिंग्स अब केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। सिकारिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के कोयला तस्करी घोटाले में चल रही जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया था। सूत्रों ने कहा कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत कंपनियों के रजिस्ट्रार (आरओसी) के रिकॉर्ड से, केंद्रीय एजेंसियों को 28 अन्य कॉर्पोरेट संस्थाओं की जानकारी मिली है, जहां विक्रम सिकारिया की क्रॉस-होल्डिंग या साझेदारी या निदेशकता है। गजराज टावर्स के दूसरे निदेशक सुचि सिकारिया के मामले में भी इसी तरह की क्रॉस-होल्डिंग या साझेदारी या निर्देशन का पता चला था।

इनमें से ज्यादातर संस्थाओं के रजिस्टर्ड एड्रेस 5ए, अर्ल स्ट्रीट, कोलकाता- 700026 है, जो कि गजराज टावर्स का रजिस्टर्ड एड्रेस भी है। ईडी के अधिकारी इन सभी कंपनियों के खातों, बैंक खातों और लेन-देन के विवरणों की जांच करने की प्रक्रिया में हैं कि वे वास्तव में शेल संस्थाएं हैं, जो कोयला घोटाले की आय को अलग-अलग चैनलों में डायवर्ट करने के लिए हैं।

बुधवार को विक्रम सिकारिया के आवास और कार्यालय में एक मैराथन छापे और तलाशी अभियान के बाद, ईडी ने 1.25 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की, जिसके बारे में अधिकारियों का मानना है कि यह कोयला घोटाले की आय का एक छोटा हिस्सा है। इन कंपनियों के रियल एस्टेट, फूड चेन, कमोडिटी ब्रोकिंग से लेकर एक्सपोर्ट तक विविध व्यावसायिक हित हैं। सिकारिया कोलकाता में एक पॉपुलर ढाबे के मालिक भी हैं। प्रारंभिक जांच से, ईडी ने पाया है कि सिकारिया के व्यवसायों ने विशेष रूप से रियल एस्टेट से संबंधित लोगों ने कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन अवधि के दौरान अधिकतम लाभ कमाया, जब रियल एस्टेट क्षेत्र वास्तव में कठिन स्थिति में था। इस सिलसिले में ईडी के अधिकारी सिकरिया के एक करीबी मनजीत सिंह जिट्टा की भी तलाश कर रहे हैं, जो फिलहाल फरार है।

सूत्रों ने कहा कि यह कोयला तस्करी मामले के संबंध में अलग-अलग दस्तावेजों और अलग-अलग गवाहों द्वारा दिए गए बयानों की जांच से सामने आया है। हाल ही में कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी विनय मिश्रा के करीबी रत्नेश बर्मा नाम के एक व्यक्ति ने आसनसोल की एक विशेष सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। बर्मा कथित तौर पर कोयले की तस्करी की आय के खातों के प्रबंधन में शामिल था। पूछताछ के दौरान उसने जांच अधिकारियों को अहम सुराग दिए।

 

 (आईएएनएस)

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