पीआईएल में माओवादियों के लिए कार्यालय की मांग, झारखंड हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी
झारखंड पीआईएल में माओवादियों के लिए कार्यालय की मांग, झारखंड हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि इस राज्य में पिछले तीन-चार वर्षों में अप्रत्याशित संख्या में जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर की गई हैं। ऐसा लगता है कि यहां पीआईएल का मिसयूज किया जा रहा है। गुरुवार को एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच ने यह मौखिक तौर पर यह सख्त टिप्पणी की।
दरअसल अनुरंजन अशोक नाम एक शख्स ने माओवादियों की ओर से की जाने वाली लेवी (रंगदारी) वसूली के लिए कार्यालय उपलब्ध कराने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने इसपर कड़ी नाराजगी जाहिर की। अदालत में सरकार की ओर से कहा गया कि जनहित याचिका में इस तरह की मांग करना गलत है। यह अदालत की गरिमा के खिलाफ है।
हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद प्रार्थी ने कोर्ट की अनुमति से जनहित याचिका वापस ले ली। प्रार्थी अनुरंजन अशोक की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की, वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद अदालत में उपस्थित हुए।
(आईएएनएस)
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