खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा, यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं
नई दिल्ली खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा, यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका पर सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उसके अधिकार क्षेत्र में कोई संज्ञेय अपराध नहीं हुआ है। याचिका में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ किसानों के आंदोलन के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। अदालत द्वारा मामले में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगे जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने यह दलील दी।
याचिका पर अपने जवाब में पुलिस की ओर से कहा गया है कि खट्टर द्वारा भड़काऊ भाषण देने का कथित वीडियो चंडीगढ़ में रिकॉर्ड किया गया है, जो दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। याचिकाकर्ता, एडवोकेट अमित साहनी ने कहा कि विवादास्पद वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और राष्ट्रीय राजधानी में नेटिजन्स (इंटरनेट का प्रयोग करने वाले यूजर्स) द्वारा देखा गया है, जिसमें बताया गया है कि किसान पहले से ही दिल्ली-एनसीआर की सीमाओं पर बैठे हैं। अतीत में, किसान रैलियों और विरोधों के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हुई थी, उन्होंने तर्क दिया कि इस तरह की टिप्पणियों से आंदोलन तेज हो सकता था और दिल्ली और एनसीआर में कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती थी।
अदालत ने मामले को 21 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर मामले पर, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, सचिन गुप्ता ने दिल्ली पुलिस को अपराध शाखा द्वारा स्थिति रिपोर्ट या एटीआर (यदि कोई हो) दर्ज करने का निर्देश दिया था। साहनी ने वायरल हुए एक विवादित वीडियो के आधार पर खट्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका के अनुसार, वीडियो हरियाणा के मुख्यमंत्री की चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर भाजपा के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान रिकॉर्ड किया गया था।
याचिका में कहा गया है, वीडियो की सामग्री यह स्पष्ट करती है कि कथित आरोपी ने दंगा भड़काने के इरादे से धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के इरादे से आईपीसी की धारा 109, 153, 153ए और 505 के तहत अपराध किया है। याचिकाकर्ता ने कहा, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है, चाहे किसी का भी पद पर क्यों न हो। गौरतलब है कि उक्त वीडियो में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के सदस्यों को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ कथित तौर पर लाठी उठाने और जैसा को तैसा जवाब देने को कहा था।
(आईएएनएस)