दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी स्थायी समिति के लिए पुनर्मतदान के आदेश के खिलाफ याचिका पर जवाब के लिए समय दिया
नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी स्थायी समिति के लिए पुनर्मतदान के आदेश के खिलाफ याचिका पर जवाब के लिए समय दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के फिर से चुनाव के आदेश के खिलाफ याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए उत्तरदाताओं को दो सप्ताह का समय दिया। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौर की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया और मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दी।
पीठ ने नवनिर्वाचित दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था। 24 फरवरी को मेयर ने 27 फरवरी को स्थायी समिति के लिए फिर से चुनाव कराने की घोषणा की थी, इससे पहले एमसीडी हाउस में इसके सदस्यों के लिए हुए मतदान के दौरान हंगामे के कारण हंगामा हुआ था।
स्थायी समिति के छह सदस्यों को चुनने के लिए हुए चुनाव में ओबेरॉय द्वारा एक वोट को अवैध घोषित किए जाने के बाद हंगामा खड़ा हो गया था। 25 फरवरी को एक विशेष सुनवाई में दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओबेरॉय द्वारा जारी नोटिस पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि 27 फरवरी को नए सिरे से चुनाव कराने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह नोटिस नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (प्रक्रिया और कार्य संचालन) विनियम, 1997 के नियमन 51 का उल्लंघन है, क्योंकि रिटर्निग अधिकारी या महापौर बिना परिणाम घोषित किए दोबारा चुनाव करा रहे हैं। मतदान 24 फरवरी को हुआ था। कोर्ट ने बैलेट बॉक्स को सुरक्षित रखने के भी निर्देश दिए थे।
अदालत ने 24 फरवरी को महापौर द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए भाजपा नेताओं कमलजीत सहरावत और शिखा रॉय द्वारा दायर दो याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि रेगुलेशन 51 के अवलोकन से कहीं भी यह नहीं दिखता है कि रिटर्निग ऑफिसर या मेयर के पास स्थायी समिति के चुनाव को अमान्य घोषित करने का अधिकार है।
(आईएएनएस)
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