प्रदेश में फिर उठा जातीय जनगणना का मुद्दा, भास्कर हिंदी से विशेष बातचीत में कांग्रेस के दिग्गज नेता ने बताया पिछड़ों के लिए कैसे फायदेमंद है जातीय जनगणना

भास्कर हिंदी विशेष प्रदेश में फिर उठा जातीय जनगणना का मुद्दा, भास्कर हिंदी से विशेष बातचीत में कांग्रेस के दिग्गज नेता ने बताया पिछड़ों के लिए कैसे फायदेमंद है जातीय जनगणना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-22 07:18 GMT
प्रदेश में फिर उठा जातीय जनगणना का मुद्दा, भास्कर हिंदी से विशेष बातचीत में कांग्रेस के दिग्गज नेता ने बताया पिछड़ों के लिए कैसे फायदेमंद है जातीय जनगणना

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातीय जनगणना और जातियों को साधने की जरूरत के हिसाब से बयानबाजी होना शुरू हो गई। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मप्र में जातीय जनगणना का मुद्दा उछालकर बीजेपी को संकट में डाल दिया है। क्योंकि केंद्र और मध्यप्रदेश में बीजेपी शासित सरकार है। केंद्र की मोदी सरकार पहले ही जातीय जनगणना के पक्ष में नजर नहीं आ रही है। जबकि कई गैर भाजपा शासित राज्यों में जातीय जनगणना का बिगुल बज गया है। शीर्ष कोर्ट ने भी ऐसे राज्यों को हरी झंडी दे दी है।

प्रदेश में जातीय जनगणना के पक्ष में कमलनाथ का कहना है कि इससे प्रदेश में अलग अलग जाति के समुदाय की वास्तविक स्थिति का पता चल जाएगा। कुछ राजनीतिक जानकार इसे कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया के जातीय समीकरण आधारित वोटरों के आंकड़ों से जोड़कर देख रहे हैं। क्योंकि बहुजन और अंबेडकर विचारधारा के कांग्रेस नेता बरैया ने अल्पसंख्यक और एससी एसटी वोटों को करीब ढाई करोड़ के आस पास बताया, उन्होंने कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों से इन वोटों पर अधिक फोकस करने को कहा। बरैया ने इसी गणितीय समीकरण के आधार पर 2023 के अंत में होने वाले चुनावों में बीजेपी को 50 सीटों के भीतर सिमट जाने की बात कही है। उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में कहा है कि यदि ऐसा नहीं होता तो वह राज्यपाल भवन के सामने अपना मुंह काला कर लेंगे। हालांकि समाचारों में बरैया के बयान को मिर्ची से जोड़कर देखा जा रहा है। 

कांग्रेस नेता बरैया अपनी सभाओं में बार बार ये दोहरा रहे है  कि इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की 50 से ज्यादा सीट नही आएंगी और ऐसे वे भावनात्मक तौर पर नहीं बल्कि गणित के आधार पर कह रहे हैं और अपनी बात पर अटल हैं कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे विधानसभा के बाहर खुद अपने हाथों से अपना मुंह काला कर लेंगे। बरैया अबकी बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 181 सीटें मिलने का दावा ठोंक रहे हैं। इन सब चुनावी मुद्दों को लेकर भास्कर हिंदी संवाददाता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया से बात की।

जातीय जनगणना पर बोले बरैया, पिछड़े वर्ग के लिए बहुत जरूरी

भास्कर हिंदी संवाददाता के मध्यप्रदेश में जातीय जनगणना के सवाल पर कांग्रेस नेता बरैया ने कहा कि पिछड़े वर्ग के समुदायों को अपनी संख्या के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं, जब ओबीसी वर्ग को अपनी संख्या बल का अंदाज होगा तब इस वर्ग को अहसास होगा कि विकास में हम कितने पीछे है, बरैया ने कहा कि ओबीसी वर्ग को अभी तक उतना प्रतिनिधित्व नहीं मिला जितना मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कमलनाथ जी के नेतृत्व में जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तब कमलनाथ जी ने पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया।  

सवाल- उमाभारती और प्रीतम सिंह लोधी के भाजपा से नाराजगी से बुदेलखंड में कांग्रेस को कितना फायदा हो सकता है

फूल सिंह बरैया- लोधी समाज करीब 50 सीटों पर असर डालता है, लोधी समाज भी ओबीसी में आता है, ऑवरऑल जब पिछड़े वर्ग का विकास होगा तो लोधी समाज का भी विकास होगा। जब उनका विकास होगा तो उन्हें पता चलेगा कि इस विकासीय सोच के पीछे कांग्रेस और कमलनाथ की सोच है। ऐसे में न केवल लोधी समाज बल्कि पिछड़े वर्ग के अन्य समुदाय भी कांग्रेस के साथ जुड़ेंगे। बरैया ने आगे कहा कि असल में किसी भी राष्ट्र का विकास तभी हो सकता हैं जब उस देश के पिछडे़ लोगों को विकास होगा। बिना पिछड़ों के विकास के देश का विकास अधूरा है।

मुरैना और ग्वालियर में कई सालों बाद कांग्रेस ने मेयर चुनाव जीते ऐसे में ये कहा जा सकता है कि चंबल और ग्वालियर में धीरे धीरे भाजपा का किला ढह रहा है, इसके पीछे बरैया ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी संविधान खत्म करने के साथ पिछड़े समुदायों पर अत्याचार कर रही है। उन्हें मार भी रही है, बीजेपी ने 2018 में एससी एसटी एक्ट को कमजोर किया, जिसे लेकर 2 अप्रैल को देशभर में विरोध  हुआ, कई लोगों की जान गई।  12 एससी लोगों की मौत हुई जिनमें से 6 लोगों की मौत चंबल-ग्वालियर इलाके में हुई। आज भी कई इलाकों में बीजेपी छोटे छोटे मामलों में पुलिस प्रकरण बनाकर एससी एसटी समुदायों के साथ अन्याय कर रही है। 

तथाकथित बाबाओं के हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर बरैया ने कहा हिंदू राष्ट्र बनाने से पहले लोकतंत्र और संविधान खत्म होगा, आगे कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा में बुद्धिमान लोगों की कमी है, देश को हिंदू राष्ट्र बनाने से पहले हिंदू लोगों की पहचान करने होगी। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक ओबीसी, एससी और एसटी हिंदू नहीं हैं क्योंकि हिंदू धार्मिक ग्रंथों में इनके साथ छुआछूत जैसा भेदभाव किया गया है। इस वर्ग के लोग किसी भी स्थिति में हिंदू नहीं हो सकते। 

 

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