बीजेपी को घेरने के लिए "भोज" पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुलाए थे सात सीएम, मान छोड़ कोई नहीं आया
'आप' की रणनीति बीजेपी को घेरने के लिए "भोज" पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुलाए थे सात सीएम, मान छोड़ कोई नहीं आया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियां विपक्ष का चेहरा बनने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। इन्हीं पार्टियों में से एक आम आदमी पार्टी भी है, जो अपने आप को कांग्रेस और बीजेपी का विकल्प कई मर्तबा बता चुकी हैं। इसी का ध्यान रखते हुए हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को डिनर पर आने का न्योता दिया था लेकिन उनकी विपक्ष को एकजुटता करने के इरादे पर पानी फिरता हुआ दिखाई दिया है।
दरअसल, डिनर पर बुलाए गए तमाम मुख्यमंत्रियों ने कुछ न कुछ बहाना करते हुए सीएम केजरीवाल की रात्रिभोज से खुद को अलग कर लिया। किसी ने कहा आने का समय नहीं है और किसी ने कहा बहुत काम है तो अन्य कई ने बहाना बनाते हुए न शामिल होने की बात कह दी।
सीएम रहे पार्टी से नदारद
आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 18 मार्च को डिनर के लिए झारखंड, बिहार, तेलगांना, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को आने का न्योता दिया था। इस डिनर पार्टी में केवल पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह ही शरीक हुए थे। केजरीवाल को विश्वास था कि न्योता देने पर जरूर ही सीएम का जमावड़ा राजधानी दिल्ली में देखने को मिलेगा। लेकिन इस डिनर पार्टी से पंजाब के सीएम छोड़ तमाम राज्यों के सीएम नदारद रहे।
केजरीवाल के नजर में आमचुनाव
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, केजरीवाल का प्लान साल 2024 का आम चुनाव है। वो चाहते हैं कि जिन राज्यों में क्षेत्रियों पार्टियों का दबदबा है उन्हें अपने पाले में लगाकर बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में पटखनी दी जा सके। लेकिन इन सभी पार्टियों को लगता है कि करीब एक दशक पहले की पार्टी कई सालों से मौजूद पार्टियों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है। राजनीतिक पंडित यहां तक मानते हैं कि सीएम केजरीवाल विपक्ष को साध कर अपने आप को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्रियों ने क्या-क्या बहाना बनाए
सीएम केजरीवाल के इस भारी भरकम भोज में ना आने के कारण तमाम मुख्यमंत्रियों ने बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केजरीवाल के न्योते पर कहा कि अभी हमारे पास समय नहीं इसलिए हम वहां न जा सके। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भोज के लिए न्योता मिलने की बात पर कुछ नहीं बोला जबकि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बजट सत्र का हवाला देकर कहा कि अभी ये सही समय नहीं है। जबकि तेलगांना के सीएम के चन्द्रशेखर राव ने न्योता न मिलने की बात कही है। इसी तरह केरल के पिनारई विजयन और तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कुछ ऐसी ही बात कहकर डिनर में शरीक न होने की बात कह दी।
कांग्रेस को नहीं दिया न्योता
आम आदमी पार्टी के कर्ताधर्ता अरविंद केजरीवल भाजपा को घेरने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। वहीं केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी के किसी भी मुख्यमंत्री को इस भोज के लिए निमंत्रण नहीं दिया था। जिसका कारण कांग्रेस पार्टी का एक बयान माना जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस ने रायपुर में अपने पार्टी का अधिवेशन आयोजित किया था। जिसमें कहा था कि बीजेपी का विकल्प केवल कांग्रेस ही बन सकती है, देश की तमाम राजनीतिक दलों को मिल कर कांग्रेस पार्टी का साथ देना चाहिए, ताकि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में हराया जा सके। माना जा रहा है कि इसी बात को लेकर केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी को इस भोज में आने का न्योता नहीं दिया। हालांकि, इन सबसे हट कर देखें तो कांग्रेस और आप ने कभी भी एक दूसरे को अपना समर्थन नहीं दिया है। यह कहना बड़ा ही कठिन होगा कि भविष्य में ये दोनों पार्टियां कभी एक साथ दिखेंगी।