अरुणाचल के लापता किशोर को सौंपने को लेकर चीनी पीएलए ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल के लापता किशोर को सौंपने को लेकर चीनी पीएलए ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
डिजिटल डेस्क, ईटानगर। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के लापता किशोर मिराम टैरोन को सौंपने को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और उसकी रिहाई के लिए एक जगह भी सुझाया है।
पीएलए ने एक हफ्ते पहले टैरोन का भारतीय क्षेत्र से कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। रिजिजू ने ट्वीट किया, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी से गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय सेना ने हॉटलाइन पर बात की है। पीएलए ने हमारे नागरिक को सौंपने का संकेत देते हुए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और रिहाई के स्थान का सुझाव दिया। जल्दी ही उनकी तरफ से तारीख और समय दिए जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि खराब मौसम के चलते भी चीन की ओर से उसे वापस भेजने की प्रक्रिया में देरी हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा था, हम पहले दिन से लगातार मामले को लेकर कार्रवाई कर रहे हैं। मैं सभी से ऐसे बयान देने में सतर्क रहने की अपील करता हूं जो तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। क्योंकि हमारे लिए अपने देश के युवा की सुरक्षा और सुरक्षित वापसी प्राथमिकता है।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने भी किशोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की थी। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पहले कहा था कि रक्षा मंत्रालय ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को चीनी प्राधिकरण के साथ उठाया है। मुख्यमंत्री ने ईटानगर में मीडिया से कहा, मुझे उम्मीद है कि युवक रिहा हो जाएगा और जल्द ही अपने गांव लौट जाएगा। चीनी सेना ने कथित तौर पर किशोर को उस भारतीय क्षेत्र से अगवा कर लिया था, जहां चीन ने 2018 में 3-4 किमी सड़क का निर्माण किया था।
भागने में सफल रहे किशोर के दोस्त ने अधिकारियों को मामले की सूचना दी थी और अरुणाचल पूर्व संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद तापिर गाओ के संज्ञान में यह मामला लाया गया था। गाओ ने पिछले हफ्ते इस घटना के बारे में ट्वीट किया था। सितंबर 2020 में, चीनी पीएलए ने कथित तौर पर अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया और उन्हें लगभग एक सप्ताह बाद रिहा कर दिया गया था। उचित सड़क नहीं होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों से होकर जाना पड़ता है। अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
आईएएनएस