जी न्यूज के एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर लोगों की ओर से मिल रही मिली-जुली प्रतिक्रिया: सर्वे

नई दिल्ली जी न्यूज के एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर लोगों की ओर से मिल रही मिली-जुली प्रतिक्रिया: सर्वे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-07 10:31 GMT
जी न्यूज के एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर लोगों की ओर से मिल रही मिली-जुली प्रतिक्रिया: सर्वे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन ने एक जुलाई को अपने शो में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर फर्जी खबर या भ्रामक सामग्री प्रसारित करके एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी के छेड़छाड़ किए गए एक वीडियो से नाराज थे, जिसमें उन्हें उदयपुर में कन्हैया लाल के हत्यारों पर नरम रुख अपनाते हुए दिखाया गया था।

रोहित रंजन ने 2 जुलाई को जारी किए गए माफीनामे में कहा था, कल (1 जुलाई) हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी के बयान को उदयपुर की घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में लिया गया, जो कि एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम माफी मांगती है। हम इसके लिए माफी मांगते हैं।

हालांकि, माफीनामे ने मामले को शांत नहीं किया और टीवी एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित रंजन के गाजियाबाद स्थित आवास पर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची। इस बीच, गाजियाबाद और नोएडा पुलिस भी रंजन के आवास पर पहुंच गई और इससे दो राज्यों के पुलिस अधिकारियों के बीच गरमागरम बहस हुई।

टीवी पत्रकार के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के दौरान, छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा रोहित रंजन को गिरफ्तार करने के लिए अड़े रहने के बारे में भारतीयों की राय अलग-अलग देखने को मिली है। यहां तक कि राहुल गांधी के बारे में गलत सामग्री के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के बाद भी लोगों की प्रतिक्रिया में एक स्पष्ट विभाजन देखने को मिला।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 55 प्रतिशत उत्तरदाताओं (सर्वे में शामिल लोग) ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया, वहीं 45 प्रतिशत उत्तरदाता इससे असहमत दिखे। जाहिर है, इस मुद्दे पर एनडीए के मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों के विचारों में राजनीतिक ध्रुवीकरण स्पष्ट था। सर्वेक्षण के दौरान जहां 66 फीसदी विपक्षी मतदाताओं ने जी न्यूज एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की, वहीं एनडीए के 61 फीसदी मतदाताओं ने इस मुद्दे पर पूरी तरह से अलग विचार व्यक्त किए।

इस मुद्दे पर सामाजिक तौर पर विभिन्न लोगों के समूह उनके विचारों को लेकर विभाजित दिखाई दिए। सर्वेक्षण के दौरान, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 64 प्रतिशत और मुसलमानों में 74 प्रतिशत लोगों ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और उच्च जाति हिंदू (यूसीएच) के विचार बंटे हुए नजर आए। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 58 फीसदी एससी, 53 फीसदी एसटी ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया, जबकि 58 फीसदी यूसीएच ने इसका विरोध किया।

 

 (आईएएनएस)

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