महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को दोनों मुख्यमंत्री संविधानिक तरीके से सुलझाने पर राजी: अमित शाह
नई दिल्ली महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को दोनों मुख्यमंत्री संविधानिक तरीके से सुलझाने पर राजी: अमित शाह
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बैठक के बाद अमित शाह ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री संविधानिक तरीके से विवाद को सुलझाने पर राजी हुए हैं। इसके अलावा कई मुद्दों पर भी सहमति बनी है।
अमित शाह ने बैठक के बाद कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद की समाप्ति और समाधान के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री से बात की है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच अच्छे माहौल में बातचीत हुई। दोनों मुख्यमंत्री ने सकारात्मक अप्रोच रखा है। उन्होंने कहा कि सभी में सहमति बनी है कि सीमा विवाद का हल रोड पर नहीं बल्कि संविधान सम्मत तरीके से हो सकता है।
अमित शाह ने कहा कि दोनों में सहमति हुई कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नहीं आता कोई भी राज्य किसी जगह पर अपना दावा नहीं करेगा। दोनों राज्यों के 6 मंत्री यानी 3-3 मिलेंगे और विस्तार से चर्चा करेंगे कि इसका समाधान क्या हो सकता है। शाह ने कहा कि दोनों राज्यों में कुछ छोटे मुद्दे भी हैं, जो आमतौर पर राज्यों में देखे जाते हैं। ऐसे मुद्दों का निवारण भी ये 6 मंत्री मिलकर करेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा कि दोनों राज्यों में शांति बनी रहे और अन्य भाषा, यात्रियों और व्यापारियों को परेशानी ना हो इसके लिए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में दोनों राज्य एक कमिटी बनाने पर सहमत हुए हैं। ये कानून व्यवस्था को संविधान के हिसाब से ठीक रखने के लिए कार्य करेगी।
अमित शाह ने बताया कि दोनों के विवाद में फेक ट्विटर ने भी भूमिका निभाई है। बड़े नेताओं के नाम पर अकॉउंट बनाकर फैलाए गए। ये मामला गंभीर है। इससे दोनों तरफ की जनता की भावनायें उद्देलित होती है और फिर घटनाएं होती हैं। इसलिए ये भी तय किया गया है कि जहां जहां और जिसने ये काम किया है, उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और जनता के बीच उन्हें एक्सपोज किया जाएगा।
अंत में शाह ने कहा कि दोनों राज्यों के विपक्षी नेताओं से गृह मंत्री होने के नाते अपील करता हूँ कि जो भी विरोध हो, लेकिन लोगों की भलाई के लिए सीमा विवाद को राजनीतिक मुद्दा ना बनाएं। जो कमिटी बनी है उसकी रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि दोनों राज्यों के विपक्षी जैसे एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव पक्ष इसमें सहयोग करेंगे की इसे राजनीतिक रंग ना दिया जाए।
एसपीटी/एएनएम
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