तीन आईपीएस ऑफिसर्स के सेंट्रल डेप्युटेशन पर भड़की ममता, बोलीं- यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य
तीन आईपीएस ऑफिसर्स के सेंट्रल डेप्युटेशन पर भड़की ममता, बोलीं- यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। बंगाल के तीन आईपीएस अफसरों की केंद्र में तैनाती (सेंट्रल डेप्युटेशन) पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बनर्जी ने कहा, राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत IPS अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का भारत सरकार का आदेश, IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान का ज़बरदस्त दुरुपयोग है।
उन्होंने कहा, यह कोशिश और कुछ नहीं है, बल्कि राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और पश्चिम बंगाल में सेवारत अधिकारियों को डिमोरालाइज करने का प्रयास है। यह कदम, विशेष रूप से चुनावों से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है! ममता ने कहा, हम केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को छद्म रूप से नियंत्रित करने के इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव के बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने मामले में लापरवाही के आरोप में बंगाल के तीन IPS अधिकारियों राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे को केंद्र में बुला लिया था। गृह मंत्रीलय ने IPS कैडर रूल 6(1) के तहत यह कारवाई की। गृह मंत्रालय ने भोलानाथ पांडे को 4 साल के लिए BPRD में एसपी के पद पर तैनात किया है।
प्रवीण कुमार त्रिपाठी को SSB में DIG के पद पर पांच साल के लिए भेजा है। राजीव मिश्रा को ITBP में पांच साल के लिए आईजी के पद भेजा है। इस लेकर गृह मंत्रालय ने बंगाल के गृह सचिव और डीजीपी को चिठ्ठी लिख कर जानकारी दी। पत्र में कहा गया है कि यदि राज्य उन्हें कार्य मुक्त नहीं करती है तो ये DoPT के क्लॉज 6(1) A का उल्लंघन होगा। पत्र में तीनों IPS अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त करने के लिए कहा गया है।