यूपी की तर्ज पर मध्यप्रदेश में बीजेपी अपनाएगी हिंदुत्व, विकास का एजेंडा, साथ ही एससी एसटी वोटरों को साधने में जुटी भाजपा
मोदी-शाह का मप्र दौरा यूपी की तर्ज पर मध्यप्रदेश में बीजेपी अपनाएगी हिंदुत्व, विकास का एजेंडा, साथ ही एससी एसटी वोटरों को साधने में जुटी भाजपा
- बीजेपी का चुनावी अभियान शुरू
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण कर ये संकेत दे दिया कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में हिदुत्व के एजेंडे की साथ चलेगी। एक माह के भीतर ही पीएम मोदी ने देश के दिल में बसे मध्यप्रदेश का दूसरा दौरा किया। इससे पहले पीएम ने अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए चीतों को छोड़ा था। पीएम का पहला दौरा उस इलाके में हुआ जहां आदिवासियों की संख्या अधिक है। आदिवासियों की संख्या मालवा निमाड़ में भी कम नहीं है। इसका साफ साफ मतलब है कि पीएम मोदी अपने प्रचार के जरिए आदिवासी वोटरों पर पकड़ बनाना चाहती है, जिनका फायदा बीजेपी को आगामी गुजरात और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिल सकें।
हिदुत्व का सहारा
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पीएम मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण कर मालवा- निमाड़ को साधने के साथ साथ राज्य में हिंदुत्व के एजेंडे को नई धार दी है। साथ ही पीएम मोदी ने महाकाल आशीर्वाद से मालवा-निमाड़ में चुनावी बिगुल फूंक दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें भाजपा शुरू से ही हिंदुत्व के मॉडल पर चल रही है। बीजेपी अपने ओल्ड इज गॉल्ड मॉडल को ही बेहतर मानते हुए आगे बढ़ा रही है।
आदिवासियों का साथ
पीएम के इस भव्य कार्यक्रम से सूबे में चुनावी आंधी शुरू हो गई है। कांग्रेस भी प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में आदिवासी नेताओं के साथ बैठकें कर अधिक से अधिक आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश में जुटी है। मालवा निमाड़ में इंदौर, धार, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच और आगर मालवा शामिल हैं। जिसमें विधानसभा की 67 सीटें आती हैं। मध्यप्रदेश की सियासी राजनीति में कहा जाता है जिसने भी मालवा जीत लिया वो ही सत्ता की गद्दी पर बैठता है। वैसे भी मालवा निमाड़ को आरएसएस की नर्सरी माना जाता है। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खाते में कांग्रेस की अपेक्षा कम सीटें आईं थीं। क्योंकि पिछले चुनाव में बीजेपी के हाथ से आदिवासी वोट फिसल गया था। भाजपा और संघ का फोकस इन्हीं आदिवासी वोटरों को एक बार फिर अपने पाले में करने को है। हालांकि बीजेपी की ये राह आसान नहीं है क्योंकि जयस संगठन ने इस क्षेत्र में आदिवासी वोटरों में अच्छी पकड़ बना ली है।
विकास का चुनावी प्रचार
अब सुनने में आ रहा है कि पीएम मोदी दिसंबर में मोहनिया टनल का शुभांरभ करने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से विंध्य-महाकौशल सध जाएगा। खबरों के मुताबिक मोहनिया टनल रीवा से सीधी के बीच बन रही सबसे बड़ी सिक्स लेन है।
2018 के चुनाव में बीजेपी को चंबल-ग्वालियर में हार का सामना करना पड़ा था। इसे देखते हुए बीजेपी की प्लानिंग है कि यहां के मतदाताओं को साधने के लिए चंबल प्रोग्रेस वे के काम शुरू होने से पहले पीएम मोदी के हाथों से भूमि पूजन करवाया जाए।
इससे पहले पीएम मोदी ने पिछले साल बिरसा मुंडा जयंती को जनजातीय गौरव दिवस मनाकर आदिवासियों में गौरव की भावना को जागृत करने का प्रयास किया था। उसी समय पीएम मोदी ने बेहतर सुविधाओं से युक्त हबीबगंज रेल्वे स्टेशन का नाम बदलकर आदिवासी महिला महारानी रानी कमलापति किया था।
शाह का मप्र दौरा
बीजेपी के दूसरे दिग्गज नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बात की जाए तो वो भी लगातार मध्यप्रदेश का दौरा कर रहे है। गृहमंत्री के दौरे को भी चुनावी नजरिए से देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को मध्यप्रदेश का दौरा करने वाले हैं। शाह मध्यप्रदेश के भोपाल और ग्वालियर में करोड़ों की सौगात देंगे। ग्वालियर में शाह 500 करोड़ की लागत से बनने वाले राजमाता सिंधिया एयर टर्मिनल के विस्तार का शिलान्यास करेंगे।
पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी बीजेपी अपने दोनों दिग्गज नेताओं के दौरे करवाने में लग गई है। ताकि आगामी चुनावों में जीत मिल सके। चुनावी तैयारियों के तहत मध्यप्रदेश में अमित शाह का दौरा जनता के बीच जाने और विकास कार्यों की सौगात देने से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले जिन-जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां की कमान पूरी तरह से अमित शाह ने संभाल ली है। देश में पहली बार एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में हो इसके लिए अमित शाह एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का विमोचन करेंगे। इससे पहले 22 अगस्त को गृहमंत्री मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आए थे। दो माह के अतंराल में ये उनका दूसरा दौरा है।
सभी जानते हैं कि उत्तरप्रदेश में अयोध्या काशी धार्मिक तीर्थ स्थलों और हिंदुत्व का कार्ड खेलकर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। और दोबारा सत्ता में आई। बीजेपी ने वहां न केवल हिंदुत्व बल्कि विकास और गरीब सहायता योजनाओं के सहारे निर्धन वर्गों के वोट पाने में सफलता हासिल की थी। बीजेपी इन्हीं मुद्दों को आगामी चुनावों में भुनाना चाहती है।