मनीष सिसोदिया बोले- देश में 80 करोड़ लोगों के राशन चोरी के पीछे BJP का हाथ
मनीष सिसोदिया बोले- देश में 80 करोड़ लोगों के राशन चोरी के पीछे BJP का हाथ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर घर तक राशन पहुंचाने की केजरीवाल सरकार की योजना पर केंद्र सरकार की रोक के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर 80 करोड़ लोगों के राशन की चोरी का आरोप लगाया है। सिसोदिया ने कहा, "मैंने बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। संबित पात्रा ने 2 बातें कही। पहली- जो व्यव्स्था चल रही है, वो ऐसे ही चलेगी। मतलब भाजपा चाहती है कि 80 करोड़ लोगों के राशन की चोरी चलती रहे। 70 साल कांग्रेस ने चोरी की अब BJP राशन की चोरी करेगी। AAP इस चोरी को रोकने की कोशिश ना करें।
संबित पात्रा ने 2 बातें कही-
— AAP (@AamAadmiParty) June 6, 2021
पहली- "जो व्यव्स्था चल रही है, वो ऐसे ही चलेगी"
मतलब भाजपा चाहती है कि 80 करोड़ लोगों के राशन की चोरी चलती रहे
70 साल कांग्रेस ने चोरी की अब BJP राशन की चोरी करेगी
AAP इस चोरी को रोकने की कोशिश ना करें
-Dy CM @msisodia#GareebVirodhiNarendraModi pic.twitter.com/sUfSzvSQf3
सिसोदिया ने कहा, बीजेपी देश में राशन चोरी को जारी रखना चाहती है और उसके नेता इस पर सवाल उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को गाली देंगे, जैसा कि पात्रा ने केजरीवाल को लेकर किया। उन्होंने कहा, बीजेपी का दूसरा झूठा आरोप- हम राशन पर एक्सट्रा चार्ज लगाना चाहते है! संबित जी, केंद्र के ऑर्डर को पढ़ लीजिए- भाजपा ने राशन की पिसाई का तीन रुपए लेने का ऑर्डर कर रखा है। हमारा प्रपोजल था- सिर्फ दो रुपए लेंगे और पिसा हुआ आटा घर तक देकर आएंगे। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को केंद्र ने रोका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली के 70 लाख लोगों के लाभ के लिए इसकी अनुमति देने की अपील की।
केजरीवाल ने कहा, अगले हफ्ते से घर-घर राशन योजना शुरू होनी थी। सारी तैयारियां हो चुकी थीं, लेकिन आपने अचानक दो दिन पहले क्यों रोक दी? प्रधानमंत्री जी आज मैं बहुत व्यथित हूं। आज मुझसे कोई भूल हो जाए तो माफ कर देना। प्रधानमंत्री सर, इस स्कीम के लिए राज्य सरकार सक्षम है और हम केंद्र से कोई विवाद नहीं चाहते। हमने इसका नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना रखा था। आपने तब कहा कि योजना में मुख्यमंत्री नाम नहीं आ सकता। हमने आपकी बात मानकर नाम हटा दिया। आपने अब हमारी योजना ये कहते हुए खारिज कर दी कि हमने केंद्र से अनुमति नहीं ली। केंद्र सरकार से इस योजना के लिए हमने 5 बार अनुमति ली।