भाजपा सरकार के 8 मार्च को त्रिपुरा में सत्ता संभालने की संभावना

राजनीति भाजपा सरकार के 8 मार्च को त्रिपुरा में सत्ता संभालने की संभावना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-03 10:00 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, अगरतला। त्रिपुरा के निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक साहा ने राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद शुक्रवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली दूसरी सरकार 8 मार्च को सत्ता संभाल सकती है।

साहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नई भाजपा सरकार के 8 मार्च को मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ लेने पर कार्यभार संभालने की संभावना है। उन्होंने कहा कि आवश्यक औपचारिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के नवनिर्वाचित सदस्य जल्द ही बैठक करेंगे।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री और कई भाजपा शासित राज्यों के नेता और मुख्यमंत्री नए मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया, साहा के दूसरी भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बने रहने की संभावना है।

साहा टाउन बोरडोवली सीट से दूसरी बार अपन प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के आशीष कुमार साहा को 1,257 मतों के अंतर से हराकर दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं।माणिक साहा पिछले साल जून में हुए उपचुनाव में आशीष कुमार साहा को 6,104 मतों के अंतर से हराकर राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे।

भाजपा के केंद्रीय नेताओं के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के शीर्ष पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद 70 वर्षीय भाजपा नेता ने पिछले साल 15 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।25 साल (1993-2018) के बाद सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को हराकर 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार पहली बार त्रिपुरा में सत्ता में आई थी।

भाजपा ने 32 सीटें जीतकर त्रिपुरा में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार रखी, जो 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 31 के जादुई आंकड़े से एक अधिक है, जिसके लिए 16 फरवरी को चुनाव हुए थे।

आदिवासी-आधारित टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी), जिसने पहली बार अपने दम पर 42 सीटों पर चुनाव लड़ा, 13 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। सीपीआई (एम) ने 11 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं।

कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे की व्यवस्था में चुनाव लड़ने वाले सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा ने 47 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जबकि 13 सीटें कांग्रेस को आवंटित की गई थीं।बीजेपी की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने दक्षिणी त्रिपुरा की जोलाईबाड़ी सीट पर जीत हासिल की है।2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 36 सीटें जीती थीं, उसके सहयोगी आईपीटीएफ ने आठ सीटें जीती थीं, जबकि माकपा ने 16 सीटें हासिल की थीं।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News