बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती, मुस्लिम बाहुल्य इलाके के दूसरे चरण की 55 सीटों में कौन मारेगा बाजी ?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती, मुस्लिम बाहुल्य इलाके के दूसरे चरण की 55 सीटों में कौन मारेगा बाजी ?

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-11 09:03 GMT
बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती, मुस्लिम बाहुल्य इलाके के दूसरे चरण की 55 सीटों में कौन मारेगा बाजी ?
हाईलाइट
  • कौन होगा हावी जाति या धर्म ध्रुवीकरण
  • गठबंधन को मिला दोहरा पाएंगी सपा
  • बीजेपी फिर लहरा पाएंगी अपना परचम

डिजिटल डेस्क,लखनऊ। उत्तरप्रदेश के पहले चरण जाट लैंड और गन्ना बेल्ट के मतदान के बाद अब सियासी दलों की कड़ी चुनावी परीक्षा वेस्ट यूपी और रूहेलखंड के मुस्लिम बाहुल्य बेल्ट में होने वाली है। पहले चरण के बाद दूसरा चरण बीजेपी के लिए चुनौती भरा है।  दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर चुनाव होना है। जिनमें 586 उम्मीदवारों का फैसला होना है।  दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को होना वहीं नतीजे 10 मार्च को आएंगे।

                                                                           

पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, बिजनौर और अमरोहा के साथ रूहेलखंड के संभल,रामपुर,मुरादाबाद,बरेली और शाहजंहापुर जिले की  सीटे शामिल हैँ। पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर किया जाए तो इन सीटों में से अधिकतर सीटें बीजेपी के खाते में आई, इस बेल्ट की 33 सीटों पर कब्जा कर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वहीं 15 सीटें लाकर सपा दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के खाते में 2 और बसपा के खाते में कोई सीट नहीं आई।

                                                                            

साल 2017 के चुनावों में सपा कांग्रेस ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा जिसका फायदा गठबंधन को मिला। कांग्रेस और सपा गठबंधन को जिन 17 सीटों पर जीत मिली उनमें से 11 जीते हुए प्रत्याशी मुस्लिम वर्ग से थे। इस इलाके में दलित मुस्लिम जाट समीकरण प्रभुत्व मे रहता है।

दूसरे चरण में शामिल 9 जिलों में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत

                                                                     

                                     

साल 2019 संसदीय चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो इस इलाके की 11 संसदीय सीटों में सात पर सपा बसपा गठजोड़ ने जीती थी। बीएसपी ने सहारनपुर, नगीना, बिजनौर और अमरोहा चार लोकसभा सीटों पर वहीं सपा ने मुरादाबाद संभल और रामपुर तीन सीटों पर विजय प्राप्त की। सपा आरएलडी गठबंधन ने जाट मुस्लिम कार्ड खेला है वहीं बीएसपी ने दलित मुस्लिम चाल चली है। जबकि कांग्रेस और एआईएमआईएम ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर मुस्लिम दांव खेला  है

                                                                

दूसरे चरण की जिन सीटों पर मतदान होना है,उन पर मुस्लिम वोटर को अहम माना जा रहा है। इन इलाकों की ज्यादातर सीटों पर मुस्लिम मतदाता ही जीत हार का फैसला करता है। मुस्लिम के बाद जाट  कुर्मी और लोध वोट बैंक निर्णायक भूमिका में रहते है। वहीं दलित वोट चुनावी परिणामों में किंगमेकर की भूमिका निभाते है।
चार मुख्य पार्टियों ने दूसरे चरण की 55 सीटों पर 77 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। चुनावी पंडितों का मानना है कि मुस्लिम प्रत्याशियों की आपसी भीड़त में बीजेपी को फायदा मिलने के उम्मीद है और एक बार फिर बीजेपी अपने पुराने करिश्माई आंकड़े को छू सकती है।  

                                                                               

 

   

इन 55 सीटों पर होगा मतदान
मुरादाबाद नगर, कुंडर्की, मिलक, धनौरा, नौगवां सादत, अमरोहा, हसनपुर, बिलारी, चंदौसी, असमोली, गुन्नौर, बिसौली, सहसवां, सहारनपुर, ददरौली, बिलसी, बदायूं, कटरा, जलालाबाद, तिहार, पुवायां, संभल, सुर, चमरौआ, मीरागंज, भोजीपुरा, दातागंज, बहेरी,बिठारी चैनपुर, बरेली, बरेली कैंट, आंवला, नवाबगंज, फरीदपुर, बिलासपुर, रामपुर नगीना, बरहापुर, धामपुर, नेहतौर, बिजनौर, चांदपुर, बेहट, नकुड़, नजीबाबाद, नूरपुर, कांट, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद देहात, रामपुर (मनिहारनपुर), गंगोह और शेखपुर।

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